Supreme Court ने 2002 गुजरात दंगे के मामले में Zakia Jafri की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

0
362
Supreme Court
Supreme Court

Supreme Court ने 2002 के दंगों के मामले में Zakia Jafri द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कांग्रेस के पूर्व सांसद और दंगों में मारे गये एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने गुलबर्गा सोसाइटी दंगे मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को SIT द्वारा क्लीन चिट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

दरअसल 2002 में हुए गुजरात दंगों में गुजरात के तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी और अन्य लोगों के शामिल होने के आरोप की जांच कर रही SIT ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी थी।

जाकिया जाफरी और SIT कि दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने जाकिया जाफरी और SIT कि दलीलों पर गौर करने के बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अभी तक किसी को नोटिस नहीं दिया है। वहीं पूर्व में गुजरात सरकार कि ओर से जाकिया जाफरी की याचिका पर संदेह व्यक्त किया गया था। गुजरात सरकार की ओर पेश हुए वकील ने कहा कि जाकिया की याचिका के माध्यम से एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ पॉट को फिर से उबालने की कोशिश कर रही हैं।

गुजरात सरकार के वकील ने तीस्ता सीतलवाड़ की कड़ी आलोचना की

मामले में गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता की बड़ी साजिश है। सीतलवाड़ ने कुछ गवाहों को पढ़ा-लिखाया और बयान के लिए तैयार किया है।

इसके साथ ही गुजरात सरकार ने तीस्ता सीतलवाड़ के गैर सरकारी संगठन पर पैसे के गबन का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीबों की कीमत पर कोई व्यक्ति सुख का आनंद कैसे ले सकता है? यह एक पुरुष, एक महिला का ट्रस्ट है।

गुजरात सरकार के अलावा SIT की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अपराध 2002 से चल रहा है। पूरी शिकायत अफवाह है और कई आरोपी मर गए, गवाह चले गए। आखिर कब तक पॉट को उबालते रहोगे?

इसे भी पढ़ें: PM Narendra Modi को गुजरात दंगा में क्लीन चिट के खिलाफ अर्जी, 26 अक्टूबर को होगी सुनवाई

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here