चार वर्षों में कोर्ट ने CBI द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी बनाए गए 3,268 लोगों को बरी किया है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।

सिंह ने कहा कि 2017 में नवंबर तक भ्रष्टाचार के 184 मामलों में 755 लोगों को अदालतों ने बरी किया है। इसी तरह उन्होंने पिछली जानकारी देते हुए कहा कि 2016 में 944 लोगों को बरी कर दिया गया था, 2015 में 821 और 2014 में 748 लोगों को अदालतों ने बरी कर दिया। पिछले तीन साल में CBI द्वारा इन लोगों के खिलाफ विभिन्न मामलों में जांच की गई लेकिन CBI इनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाई इसलिए अदालत ने इन लोगों को बरी कर दिया।

हालांकि एक और सवाल के जवाब में जितेंद्र सिंह ने बताया कि CBI द्वारा दर्ज 1800 भ्रष्टाचार के मामलों में अदालत ने कुल 3617 लोगों को दोषी करार भी दिया है। इनमें से इस साल (30 नवंबर तक) 741 लोगों को अदालत ने दोषी ठहराया। 2016 में भ्रष्टाचार के 503 मामलों में 1005 लोगों को दोषी करार दिया गया। इसी तरह 2015 में 434 मुकदमों में 878 को जबकि 2014 में भ्रष्टाचार के 509 मामलों में 993 आरोपियों को दोषी करार दिया गया।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि CBI इस तरह के सभी फैसलों की जांच और विश्लेषण करती है कि किस वजह से कोर्ट ने आरोपियों को बरी किया। विश्लेषण होता है कि मामले में क्या किसी कमी के चलते आरोपी बरी हुआ है और क्या मामले में अटॉर्नी जनरल से सलाह की जरूरत है। मामलों में जिम्मेदारी तय करने की भी प्रक्रिया हैं अगर किसी मामले में उपर की अदालत में अपील की गुंजाईश बनती है तो सरकार की मंजूरी लेने के बाद उच्च न्यायालय में अपील दायर की जाती है।

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