Navratri 2021 : नवरात्री की हुई शुरुआत, आज मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की हो रही है पूजा

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नवरात्री की हुई शुरुआत, आज मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की हो रही है पूजा

Navratri 2021 : आज से शारदीय नवरात्रि का शुभ पर्व शुरू हो रहा है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष के नवरात्रि के 9 दिनों के व्रत का विशेष महत्व होता है। कुछ लोग पहले और आखिरी दिन व्रत रखते हैं। जबकि कई लोग पूरे 9 दिन व्रत रखते हैं। इस साल दो तिथियां एक साथ पड़ने की वजह से नवरात्रि आठ दिन मनाई जाएगी। दुर्गा मां का ये पवित्र पर्व 14 अक्टूबर को महानवमी को समाप्त होगा।

पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है

नवरात्रि (Shardiya Navratri) में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।  इस दिन कलश की स्थापना की जाएगी। नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है।

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शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्री में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक है। इस समय पर पूजा करने से मां घर में सुख-समृद्धि आएगी। नवरात्रि के व्रत में पूरी तरह से सात्विक भोजन करें। खाने में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इसके अलावा किसी के लिए भी बुरा नहीं बोलना चाहिए।

Navratri 2021 Puja Vidhi

मां दुर्गा के आगमन से पहले ही घर की साफ-सफाई कर लें। मान्यता है कि जिस घर में गंदगी होती है वहां माता की कृपा नहीं होती ऐसे में नवरात्रि में घर की साफ-सफाई करना बहुत जरूरी होता है। घर के पूजा स्थल को अच्छे से साफ कर गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद माता की पूजा करें और भोग लगाएं।  नवरात्रि के 9 दिन दिन अलग रंग के कपड़े पहने जाते हैं। इस दौरान रंगों का खास महत्व होता है। घर में पहले से ही व्रत का सामान रख लें। इसके लिए कट्टू का आटा, समारी के चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक, फल, मेवे, मखाना आदि मंगा लें।

नवरात्री में हरदिन भक्त को मां दुर्गा या अन्य देवी के मंदिर में जाकर, मां का ध्यान करना चाहिए और सुखी जीवन के बारे में प्रार्थना करनी चाहिए।

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 शास्त्रों की माने तो यदि रोजाना मां को जल से स्नान कराने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही परिवार में सुख-समृद्धी बनी रहती है। यदि आप घर पर ही हैं और बाहर नहीं जाना है तो आपको स्वछता की दृष्टी से नंगे पैर रहना चाहिए। साथ ही शुद्ध और पवित्र वस्त्र का ही प्रयोग व्यक्ति को करना चाहिए।

आज यह बात विज्ञान भी मानने लगा है कि व्यक्ति यदि व्रत करता है तो इस कार्य से शरीर की सफाई हो जाती है। दूसरी तरफ भक्ति की दिशा से भी व्रत को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। व्रत को एक तरह की तपस्या ही हैं। नवरात्री में व्यक्ति को नौ दिनों तक मां का विशेष श्रृंगार करना चाहिए। श्रृंगार में मां को चोला, फूलों की माला, हार और नये-नये कपड़ों से माता जी का श्रृंगार किया जाता है।

अष्टमी पर विशेष पूजा और नौं कन्या को भोजन कराए

नवरात्री के आठवें दिन, मां की विशेष पूजा का आयोजन किया जाना, शुभ बताया जाता है। ये पूजा यदि किसी पंडित के हाथों कराया जाए तो उत्तम रहता है। यदि पंडित मौजुद न हो तो खुद ही से, माता स्रोत पाठ और ध्यान पाठ करना चाहिए।

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नवरात्र के दिनों में क्या न करें

1.छौंक या तलना नहीं करे

घर में यदि कोई व्यक्ति व्रत नहीं भी रख रहा है तब भी उसके लिए बनने वाला भोजन शुध्द होना चाहिए। नौ दिनों तक घर में छौंक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

2. लहसुन-प्याज ना खाएं

नवरात्री में घर के अन्दर लहसुन और प्याज प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।

3. दाढ़ी, नाखून व बाल को नौं दिन न काटे

नवरात्रों में व्यक्ति को दाढ़ी, नाखून व बाल नहीं कटवाने चाहिए। शास्त्रों ने इस कार्य को, नवरात्रों में साफ़ मना किया है

4. मांस और दारू का प्रयोग ना करें

माता के नौ दिनों की भक्ति वाले दिनों में, मनुष्य को मांस और शराब का प्रयोग नहीं करना चाहिए।  

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