कोरोना की दूसरी लहर में 2 करोड़ से अधिक लोगों ने नौकरियां गवाईं हैं। रेहड़ी पटरी वाले सड़क पर आगए हैं। दूसरी बार लगे लॉकडाउन ने छोटे मोटे दुकानदारों की कमर तोड़ दी है। इस मुश्किल को हल करने के लिए मोदी सरकार कोशिश कर रही है। सरकार ने 1.1 लाख करोड़ राहत पैकेज का ऐलान किया है। इसमें हेल्थ सेक्टर, टूरिज्म सेक्टर से लेकर अन्य सेक्टर को शामिल किया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस वार्ता करते हुए 8 तरह के राहत उपायों का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना की घोषणा की, केंद्र सरकार के इस घोषणा से कोरोना के कारण आर्थिक तंगी की मार झेल रहे लोगों ने राहत की सांस ली है।

पहला राहत पैकेज

राहत पैकेज में सबसे उपर हेल्थ सेक्टर को रखा गया है। इस पैकेज में मेडिकल सेक्टर को लोन की सुविधा दी गई है। हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए वअन्य सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपए। इसके तहत 100 करोड़ तक का लोन 7.95 फीसद ब्याज पर दिया जाएगा, वहीं अन्य सेक्टर्स के लिए ब्याज 8.25% से अधिक नहीं होगी।

दूसरा राहत पैकेज

सबसे पहले इस स्कीम में 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी। ECLGS 1.0, 2.0, 3.0 में अब तक 2.69 लाख करोड़ रुपए का वितरण किया जा चुका है। ECLGS में 1.5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। यानी  अब इस स्कीम का कुल दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अब तक शामिल किए गए सभी सेक्टर्स को इसका लाभ मिलेगा।

तीसरा पैकेज

तीसरा पैकेज है क्रेडिट गारंटी, इस पैकेज के तहत छोटे कारोबारी,  इंडिविजुअल एनबीएफसी माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे।इसका मुख्य उद्देश्य नए लोन को वितरण करना है। इस पर बैंक के एमसीएलआर पर अधिकतम 2% जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा। इस लोन की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी।इस स्कीम का लाभ करीब 25 लाख लोगों को मिलेगा। 89 दिन के डिफॉल्टर समेत सभी प्रकार के उधार लेने वाले इसके लिए योग्य होंगे।

चौथा पैकेज

कोविड महामारी के कारण टूरिज्म सेक्टर खासा प्रभावित हुआ है। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड और ट्रेवल टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स  सरकार मदद मुहैया कराएगी।  इसमें लाइसेंसधारी टूरिस्ट गाइड को 1 लाख रुपए और टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा। इस लोन को 100% गारंटी दी जाएगी। इस लोन पर कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं होगा।

पांचवा पैकेज

अपने पांचवें पैकेज में सरकार ने टूरिज्म सेक्टर को राहत देने की बात कही है। पैकेज के अनुसार मोदी सरकार पहले 5 लाख विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त जारी करेगी। यह स्कीम 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। इस स्कीम के तहत 100 करोड़ रुपए की वित्ती सहायता दी जाएगी। एक टूरिस्ट को केवल एक बार स्कीम का लाभ मिलेगा। विदेशी टूरिस्टों को वीजा की अनुमति मिलते ही इस स्कीम का लाभ मिलेगा। करीब 1.93 करोड़ विदेशी टूरिस्ट 2019 में भारत आए थे।

छटा पैकेज

इस पैकेज में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को बढ़ाया गया है। प्रेस वार्ता में अनुराग ठाकुन ने बताया कि अब इस स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है। इस स्कीम के तहत अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। बता दें इस स्कीम के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के पीएफ का भुगतान करती है। इसके तहत सरकार कर्मचारी-कंपनी का 12%-12% पीएफ का भुगतान करती है। सरकार ने इस स्कीम में 22,810 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है,  जिससे करीब 58.50 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। 

सातवां पैकजे

यहां पर किसानों पर खासा जोर दिया गया है। किसानों को 14,775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी गई है। इसमें 9125 करोड़ रुपये की सब्सिडी केवल डीएपी पर दी गई है। वहीं, 5650 करोड़ रुपए की सब्सिडी एनपीके पर दी गई है। रबी सीजन 2020-21 में 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई है। जबकि, अब तक किसानों को 85,413 करोड़ रुपए सीधे दिए गए हैं।

आखिरी और आठवां पैकेज

पिछले 26 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत कोविड से प्रभावित गरीबों की मदद मुफ्त अनाज दिया जाता है। शुरुआत में इस स्कीम का लाभ अप्रैल से जून 2020 के दौरान मिला था। इसके बाद इसे बढ़ाकर नवंबर 2020 तक लागू कर दिया था। वहीं कोरोना की दूसरी लहर आई तो मई 2021 में इस स्कीम को फिर से लॉन्च किया गया। इस स्कीम के तहत करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज नवंबर 2021 तक मुफ्त दिया जाएगा। 2020-21 में इस स्कीम पर 1,33,972 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इस स्कीम पर इस साल करीब 93,869 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पिछले साल और इस साल मिलाकर इस स्कीम पर करीब 2,27,841 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बता दें कृषि से संबंधी सब्सिडी और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पुरानी योजनाएं हैं।

By Manish Raj

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