Supreme Court:सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर भारत से वापस भेजने की मांग के मामले की सुनवाई हुई। याचिका की सुनवाई पर पहले से दाखिल मुख्य मामले के साथ करने का आग्रह SG तुषार मेहता कोर्ट से किया। जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई को मुख्य मामले के साथ सुनवाई करने को कहा।याचिका में कहा कि अवैध तरीके से घुसपैठ करने से देश के संसाधनो पर भारी दबाव पड़ रहा है।इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है। इसलिए अवैध रोहिंग्या मुसलमानों को चिन्हित कर उनको एक साल के भीतर उनके देश वापस भेजने की मांग की गई है।
Supreme Court: जानिए कौन हैं रोंहिग्या मुस्लिम?
रोहिंग्या एक स्टेटलेस जातीय समूह हैं। ये इस्लाम को मानते हैं और म्यांमार के रखाइन प्रांत से आते हैं। 1982 में बौद्ध बहुल देश म्यांमार ने रोहिंग्या की नागरिकता छीन ली थी। उन्हें शिक्षा, सरकारी नौकरी समेत कई अधिकारों से वंचित कर दिया गया। तभी से म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ हिंसा लगातार जारी है।वर्ष 2017 में हुए रोहिंग्या के नरसंहार से पहले म्यांमार में उनकी आबादी करीब 14 लाख थी। वर्ष 2015 के बाद से म्यांमार से 9 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी भागकर बांग्लादेश और भारत समेत आसपास के अन्य देशों में जा चुके हैं।अकेले बांग्लादेश में रोहिंग्या की संख्या 13 लाख से ज्यादा है।
Supreme Court:भारत में रोहिंग्याओं की स्थिति
भारत सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत में साल 2012 के बाद से रोहिंग्या मुस्लिमों की संख्या में तेजी के साथ इजाफा हुआ है। गृह मंत्रालय ने, UNHRC के हवाले से बताया कि भारत में दिसंबर 2021 तक 18 हजार रोहिंग्या मुस्लिमों के होने की जानकारी मौजूद है।साल 2017 में केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या आबादी अवैध रूप से रह रही है।सरकार ने कहा था कि महज 2 साल के अंदर ही देश में रोहिंग्या की आबादी 4 गुना बढ़ गई।
सरकार के मुताबिक, देश में रोहिंग्या विशेषकर जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, दिल्ली-NCR, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मणिपुर में हैं।सरकार ने स्पष्ट किया था कि देश में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या के लिए कोई शरणार्थी कैंप नहीं है। सरकार संबद्ध राज्य सरकारों के साथ मिलकर अवैध रोहिंग्या को उनके देश वापस भेजने की तैयारी कर रही है। ह्यूमन राइट्स वॉच यानी HRW के मुताबिक, भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या देश के अलग-अलग हिस्सों में कैंपों और झुग्गियों में रहते हैं।एक अनुमान के मुताबिक करीब 5 हजार रोहिंग्या मुस्लिम जम्मू-कश्मीर के आसपास के इलाकों में रहते हैं। हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनकी असली संख्या 10 हजार के करीब है।
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