Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court)में सुनवाई हुई, जिसके बाद फैसला सुनाया गया। हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने का आदेश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI को आधुनिक पद्धति के आधार पर ‘शिवलिंग’ का साइंटिफिक सर्वे (कार्बन डेटिंग) कराने का आदेश सुनाया है।
बता दें कि इससे पहले वाराणासी कोर्ट ने चार हिन्दू महिलाओं की मांग को नकार दिया था। कोर्ट के इस फैसले से हिन्दू पक्ष को एक बड़ा झटका लगा था। दरअसल, पांच में से चार पक्षकारों ने इसके वैज्ञानिक जांच की मांग की थी। वहीं, मस्जिद पक्ष के लोगों का कहना है कि वहां ‘शिवलिंग’ नहीं बल्कि फव्वारा है। इस मामले में 11 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की जा चुकी थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।
Gyanvapi Case: मई में हुआ था सर्वे
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे इस साल मई में हुआ था। इस दौरान हिन्दू पक्ष का कहना है कि मस्जिद के वजूखाने में कथित शिवलिंग मिला है लेकिन वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस बात से साफ इंकार कर दिया और इसे फव्वारा बताया। ऐसे में अब याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग के साथ वैज्ञानिक जांच की जाए जिससे सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। साथ ही शिवलिंग को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। यह पूरा मामला मस्जिद की दीवार से सटी श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना की इजाजत की मांग से शुरू हुआ था, जो शिवलिंग के दावे तक पहुंचा है। दरअसल 11 अक्टूबर को ही इस मामले पर फैसला सुनाया जाना था लेकिन वकील की मौत होने के कारण मामले को टाल दिया गया था और 14 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी।
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