JusticeForArmyStudents: भारतीय संस्था सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने 20 अगस्त 2020 को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में साल 2020 में जुलाई में क़रीब 50 लाख वेतनभोगी लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाई हैं जबकि अप्रैल से अगस्त तक एक करोड़ 89 लाख लोगों की नौकरियाँ गई हैं। वहीं केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न आंकड़ों पर किए गए एक अध्यन से पता चलता है कि भारत में 60 लाख से अधिक सरकारी नौकरी के पद खाली पड़े हैं। अब बेरोजगार युवाओं का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सरकार से मांग करते हुए ट्विटर पर JusticeForArmyStudents ट्रेंड कर रहा हैं।’
JusticeForArmyStudents चल रहा है अभियान
युवाओं का कहना है कि सरकार ने परीक्षा ले लिया है लेकिन नौकरी नहीं दे रही है। सोशल मीडिया पर बेरोजगार युवा अपना दर्द बयां करते हुए लिख रहे हैं कि मेडिकल हो गया, फिजिकल हो गया लेकिन पेपर नहीं हुआ है। वहीं अन्य लोग लिख रहे हैं कि सब कुछ क्लीयर हो गया है लेकिन ज्वाइनिंग डेट नहीं मिल रही है। सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए युवा #JusticeForArmyStudents कैंपेन चला रहे हैं।
JusticeForArmyStudents कैंपेन में अब तक 1M से अधिक लोग ट्वीट कर चुके हैं। लोग कह रहे हैं कि सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खेल रही है। बच्चों का आरोप है कि सेना में जाने वाले लोगों की उम्र निकली जा रही है। क्या सरकार उन्हें इंसाफ देगी। क्या उम्र की कोई बाधा नहीं होगी?
JusticeForArmyStudents की क्या मांग
सेना में जाने वाले छात्रों का कहना है कि हमारी एक ही मांग है। सेना में भर्ती जल्द शुरू करें और परीक्षा तारीख की घोषणा करें। छात्रों का कहना है कि साल 2018 में उनका मेडिकल क्लीयर हो चुका है लेकिन अभी तक परीक्षा की तारीख की घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में सरकार उनकी तरफ ध्यान दे।
यूजर सोशल मीडिया पर बता रहे है कि एसएससीजीडी का मेडिकल सरकार ने 2018 में लिया था। सब कुछ क्लीयर हो चुका है पर अभी तक ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया गया है। जाहिर है देशभर में सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं का खून खौल रहा है। लाखों पद खाली पड़ें हैं पर सरकार नियुक्ती नहीं कर रही है।
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