साल 2017 से पहले देश के सबसे बड़े आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश को गुंड़ों का राज्य कहा जाता था। यह परिभाषा राज्य में बीजेपी की सत्ता आते ही बदल गई है। नारा लगने लगा यदी राज्य में रहना है तो गुंडई छोड़ दो या प्रदेश छोड़ दो, नारा हिट हुआ और यूपी से समय के साथ माफियाओं का राज खत्म होने लगा। इस सही काम का श्रेय जनता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देती है।

हमेशा चर्चा में रहने वाले बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना अब सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री ली कुआन यू से हो रही है। वही कुआन जिसने सिंगापुर की गद्दी पर 31 साल राज किया, जिसने सिंगापुर को विकास की राह दिखाई। 31 साल तक सिंगापुर के प्रधानमंत्री रहे ली कुआन यू की तस्वीर अब योगी में देखी जा रही है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी रहे प्रकाश सिंह ने एक ट्वीट कर लिखा कि यूपी में माफियाओं की 1574 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। योगी यूपी के ली कुआन यू बनकर उभर रहे हैं।  प्रकाश सिंह के इस ट्वीट के बाद फिर से अब कुआन को याद किया जा रहा है।

वहीं एक अधिकारिक अखबार से बात करते हुए डीजीपी प्रकाश सिंह ने कहा कि, कि सिंगापुर की जब शुरुआत हुई थी, तब ली कुआन यू वहां के प्रधानमंत्री थे। उस समय सिंगापुर में अपराधी भरे पड़े थे। कहा यह जाता है कि उन्होंने अपराधियों को यह स्पष्ट कर दिया कि या तो तुम सीधे हो जाओ या सिंगापुर छोड़कर चले जाओ, नहीं तो तुम सबको हम जहन्नुम भेज देंगे। योगी आदित्यनाथ तो यह खुलकर नहीं कह रहे हैं, लेकिन ली कुआन ने यह सीधे-सीधे कहा था। कहते हैं कि अपराध पर उनके नियंत्रण के कारण सिंगापुर के आर्थिक विकास और समृद्धि की नींव पड़ी।

85 करोड़ की आबादी वाला देश सिंगापुर आज प्रगति का नया आयाम लिख रहा है। यह भी भारत की तरह कभी ब्रिटेन का गुलाम था। भारत की आजादी के 18 साल बाद अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ सिंगापुर आज विकास की राह पर है।

ली कुआन यू 1959 से लेकर 1990 तक सिंगापुर के प्रधानमंत्री रहे। ली कुआन प्रधानमंत्री तो ब्रिटिश उपनिवेश के दौर में बने, लेकिन 1965 में आजादी के बाद भी उन्होंने ही देश की सत्ता संभाली। 1959 में ली कुआन यू की पीपुल्स ऐक्शन पार्टी ने 51 में से 43 सीट जीतकर सिंगापुर में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। उन्होंने प्रधानमंत्री बनते ही गरीबी से जूझ रहे लोगों को पक्का मकान देने के लिए हाउसिंग एंड डेवलेपमेंट बोर्ड की स्थापना की।

सिंगापुर में लि कुआन यू की सरकार आने से पहले भ्रष्टाचार का खूब बोल बाला था। पूर्व पीएम के सामने राजनीति में ऊंची पैठ रखने वाले इन भ्रष्टाचारियों से निपटने की थी। उन्होंने देश में भ्रष्टाचार रोधी इंवेस्टिगेशन ब्यूरो की स्थापना की और इसे जांच करने के लिए पूरी स्वतंत्रता भी दी। इसका नतीजा यह हुआ कि देश से गुंडों का आतंक खत्म हुआ और विकास होने लगा।

पूरे 31 साल तक सिंगापुर की गद्दी संभालने वाले ली कुआन यू ने साल 1990 में गद्दी को छोड़ दिया। हालांकि कि वे काफी समय तक सरकार के सलाहाकार के तौर पर काम करते रहे। 23 मार्च 2015 को ली कुआन यू का निमोनिया के कारण देहांत हो गया।

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