पाकिस्तान के नापाक इरादे एक बार फिर जग जाहिर हुए हैं। हालांकि चौकन्ने सुरक्षा बलों ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर फरवरी 2019 जैसी घटना को अंजाम दिए जाने की साजिश को नाकाम कर दिया। आतंकवादी एक बार फिर विस्फोटक भरी कार को सुरक्षाबलों की गाड़ियों से टकरना चाहते थे। पिछले साल 14 फरवरी को इसी तरह के आत्मघाती हमला में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि यह साजिश जैश-ए-मोहम्मद की थी और हिज्बुल मुजाहिद्दीन इसमें मददगार था। दोनों आतंकवादी संगठन मिलकर एक बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।

आईजी विजय कुमार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ”हमें पिछले सप्ताह से ही जानकारी मिल रही थी कि जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन मिलकर फिदायीन हमला करने वाले हैं। इसके लिए इन्होंने सेंट्रो कार ली है, इसमें आईडी भरकर हमला किया जा सकता है। कल दिन में और जानकारी मिली शाम तक सूचना पुष्ट हो गई। पुलवामा पुलिस ने सीआरपीएफ और सेना की मदद से नाका पार्टी लगाया था।”

विजय कुमार ने कहा, ”आयनगुंड में जब वह गाड़ी दिखी तो नाका पार्टी ने वार्निंग फायरिंग की, लेकिन इसके बावजूद वह भागा। अगले नाका पर भी फायरिंग हुई। इसके बाद वह गाड़ी छोड़कर जंगल में भाग गया। सुबह बम डिस्पोजल स्क्वायड ने कार की जांच की। सुरक्षबालों ने बहुत बड़ी घटना को रोक लिया है।”

बाद में कार को सुरक्षा बलों ने विस्फोटकों समेत उड़ा दिया । कार को उड़ाते समय लपटें करीब 50 मीटर तक उठी थी, पुलिस ने बताया कि विस्फोटक करीब 40-45 किलो हो सकता है।

आईजी ने बताया कि हमें जानकारी मिली थी कि जैश का आतंकवादी इस घटना को अंजाम देने वाला है। यह जंग ए बदर के दिन ही होना था। उस दौरान बहुत अधिक सख्ती होने की वजह से उस दौरान ये नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, ”हिज्बुल का आतंकी आदिल जो जैश के साथ भी चलता है और पुलवामा में पाकिस्तान का जैश का आतंकी कमांडर फौजी भाई, इस घटना को अंजाम देने वाला था। ये सुरक्षाबलों के किसी गाड़ी को निशाना बनाने वाले थे।”

मामले को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया है। अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री मोदी को भी इस घटना के बारे में ब्रीफ किया है।

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