बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने उत्तराखंड प्रलय पर चिंता जाहिर की है। भारती ने कहा उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना चिंता और चेतावनी दोनों का विषय है। उन्होंने ये भी कहा कि, मंत्री रहते गंगा और सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ थी।

उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा, “मै इस दुर्घटना से बहुत दुःखी हूँ । उत्तराखंड देवभूमि है । वहाँ के लोग बहुत कठिनाई जा जीवन जी कर तिब्बत से लगी सीमाओं की रक्षा के लिए सजग रहते है । मैं उन सबके रक्षा के लिये भगवान से प्रार्थना करती हूँ ।”

उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा, “जोशीमठ से 24 किलोमीटर पैंग गाव ज़िला चमोली उत्तराखंड के ऊपर का ग्लेशियर फिसलने से ऋषि गंगा पर बना हुआ पावर प्रोजेक्ट ज़ोर से टूटा और एक तबाही लेकर आगे बढ़ रहा है । मै गंगा मैया से प्रार्थना करती हूँ की माँ सबकी रक्षा करे तथा प्राणिमात्र की रक्षा करे।”

उत्तराखंड के चमोली में मची तबाही को लेकर एक निजी चैनल से बात करते हुए उमा भारती ने कहा कि,  ‘इस सम्बन्ध में मैंने जब मैं मंत्री थी तब अपने मंत्रालय के तरफ से हिमालय उत्तराखंड के बांधो के बारे में जो ऐफिडेविट दिया था उसमें यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है। इसलिये गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नहीं बनने चाहिए तथा इससे उत्तराखंड की जो 12 % की क्षति होती है वह नेशनल ग्रीड से पूरी कर देनी चाहिये। मैं इस दुर्घटना से बहुत दुःखी हूँ। उत्तराखंड देवभूमि है।

बता दें कि, उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है। यहां पर बन रहा धौली गंगा और ऋषि गंगा के संगम पर तपोवन हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। पास के इलाके में रहने वालें कई ग्रामीण लापता हैं साथ ही तपोवन हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट पर काम करने वाले 50 मजदूर बह गए हैं वहीं 14 लोगों का शव मिला है। साथ ही 175 लोग अभी भी गायब बताए जा रहे हैं।

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