भारत में निर्मित बायोटेक की कोरोना वैक्सीन का परीक्षण सफल रहा है। पहले चरण का ट्रायल पूरी तरह सफल पाया गया है कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है। ‘कोवैक्सीन’ ने पहले फेज के क्लीनिकल ट्रायल में बेहतर इम्यून रिस्पॉन्स दिखाया है।

सितंबर माह में ट्रायल हुआ था समाप्त

विदेशी पोर्टल ‘मेडआरएक्सआईवी’ में दावा किया गया है कि वैक्सीन पूरी तरह से सेफ और इफेक्टिव है। भारत बायोटेक की इस वैक्सीन का पहले चरण का क्लीनिकल ट्रायल सितंबर महीने में ही समाप्त हो गया था, जिसके नतीजे अब सार्वजनिक किए गए हैं।

पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल के अंतरिम नतीजों से पता चला है कि सभी आयुवर्ग के समूहों पर कोई गंभीर या प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिला है। ट्रायल के दौरान इस वैक्सीन का वालंटियर पर कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है।

सभी आयु वर्ग के लिए है सुरक्षित

साल 2020 खत्म होने वाला है और नए साल के साथ देश को खुशियों का गुलदस्ता मिलने वाला है। पूरे साल बुरी खबरें मिलती रही हैं पर साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन को लेकर कुछ अच्छी खबरे सामने आई हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी कोविड-19 टीका ‘कोवैक्सीन’ के पहले चरण के क्लीनिकल परीक्षण के अंतरिम नतीजों से पता चला है कि सभी आयुवर्ग के समूहों पर कोई गंभीर या प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिला है।

परिणाम के मुताबिक, ‘प्रतिकूल असर का एक गंभीर मामला सामने आया. प्रतिभागी को 30 जुलाई को टीके की खुराक दी गयी थी। पांच दिन बाद प्रतिभागी में कोविड-19 के लक्षण पाए गए और सार्स-कोव2 से उसे संक्रमित पाया गया।’ इसमें कहा गया है, ‘ये हल्के किस्म के लक्षण थे लेकिन मरीज को 15 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया। न्यूक्लिक एसिड परिणाम नकारात्मक आने पर प्रतिभागी को 22 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। यह मामला टीका के साथ जुड़ा हुआ नहीं था।’ 

इन देशों में चल रहा है ट्रायल

कंपनी के अनुसार, 14 दिसंबर तक स्पुतनिक-V वैक्सीन का ट्रायल करीब 26 हजार लोगों पर चल रहा है। इनमें रूस के दो दर्जन सेंटर शामिल हैं, जबकि बेलारूस, वेनेजुएला, UAE और अन्य देशों में क्रिटिकल ट्रायल का तीसरा फेज़ चल रहा है, भारत में इस वैक्सीन का दूसरा और तीसरा फेज़ चल रहा है।

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