सिर्फ ट्रेन हादसा नहीं, ये है त्रासदी… लाशों के ढेर के बीच अपने बेटे को तलाशता बेबस पिता

Train Accident: ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार (2जून) को एक दर्दनाक ट्रेन हादसा हो गया। जानिए कैसे बयां की चश्मदीदों ने अपनी आंखोंदेखी कहानी…

0
97
Train Accident: The eye witnesses story
Train Accident: The eye witnesses story

Train Accident: ओडिशा के बालासोर जिले के बहानागा रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार (2जून) को एक दर्दनाक ट्रेन हादसा हो गया। इस हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस समेत तीन ट्रेनें आपस में टकरा गईं। इस हादसे में अबतक 288 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। घायलों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। मृतकों का पुलिस पोस्टमार्टम कर रही है और परिजनों द्वारा पहचान पत्र दिखाने पर उनकी बॉडी को अंतिम सरकार के लिए सौंप रही है। इस ट्रेन हादसे के बाद टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी समेत कई विपक्षी नेताओं ने रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग भी की है।

Train Accident: लाशों के ढेर के बीच अपने बेटे को तलाशता पिता

ओडिशा रेल हादसे से जुड़े ऐसे वीडियो और तस्वीरे लगातार सामने आ रहे हैं जोकि किसी भी इंसान को झकझोर कर रख दे। इसी बीच एक बेबस पिता का बेहद दुखद वीडियो सामने आया है जिसमें वह लाशों के ढेर के बीच अपने बेटे की तलाश में जुटा है। आंखों में आंसू और दिल में बेटे का शव खोज लेने की उम्मीद लिए ये बाप काफी जद्दोजहद करता नजर आ रहा है।

बता दें, ये हादसा शाम के करीब सात बजे हुआ। हादसे के बाद राहत बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जिसमें अब सेना भी शामिल हो चुकी है। वहीं, ट्रेन हादसे के घायलों को सोरो, गोपालपुर और खांटापाड़ा स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है, जबकि कई लोगों को बालासोर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जानिए कैसे बयां की चश्मदीदों ने अपनी आंखोंदेखी कहानी…

FotoJet 46 min 1
Odisha Train Accident

“किसी का हाथ नहीं, तो किसी का सिर या पैर नहीं था”

इस हादसे से जुड़े एक चश्मदीद ने न्यूज एजेंसी ANI को घटनास्थल से जुड़े हालात के बारे में बताया। यात्री ने कहा, “मैं कोरोमंडल एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था। हम S5 बोगी में मौजूद थे, जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त मैं सोया हुआ था। हमनें देखा कि किसी का हाथ, तो किसी का सिर या किसी का पैर नहीं था। हमारी सीट के नीचे एक दो साल का बच्चा था जो पूरी तरह सुरक्षित था। बाद में हमनें उसके परिजनों को बचाया।”

“बचने की नहीं थी कोई उम्मीद”

बालासोर में दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रेन में यात्रा कर रहे एक व्यक्ति ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “मैं S1 डिब्बे में था, मुझे बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, गाड़ी पूरी उलट गई थी। मैं बिहार का रहने वाला हूं और चेन्नई जा रहा था। मैं चेन्नई में एक कपड़ा दुकान में काम करता हूं।”

“एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे लोग”

बालासोर रेल दुर्घटना के बाद एक ही परिवार के तीन सदस्य सकुशल अपने घर लौटे। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होनें बताया, “हम खड़गपुर से चेन्नई जा रहे थे। बालासोर के पास ही हमें एक झटका लगा और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। हमें समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है, हमें बचने की उम्मीद बिल्कुल नहीं थी।”

“दुर्घटना की आवाज सुनाई दी”

ओडिशा में हुई रेल दुर्घटना पर मौके पर मौजूद एक स्थानीय का कहना है कि वे घटना से 200 मीटर दूर मार्केट में थे। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि उन्हें इसकी आवाजें सुनाई पड़ी। इसके बाद वे यहां पहुंचे और लोगों को अंदर से निकाला।”

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री इस भीषण हादसे पर दुख जाहिर कर चुके हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से लेकर कई आला अफसर मौके पर मौजूद हैं।

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here