Maharashtra 12 MLA Suspension: महाराष्ट्र सरकार को Supreme Court ने लगायी फटकार, 12 बीजेपी विधायकों की याचिका पर हुई सुनवाई

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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र विधानसभा से बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित (Maharashta 12 MLA Suspension) करने के मामले में सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सदन संविधान और मौलिक अधिकारों द्वारा शासित है। अगर छह महीने के अंदर किसी पद को भरने का वैधानिक दायित्व है तो इसके आगे कोई भी चीज असंवैधानिक है। एक निर्वाचन क्षेत्र 6 महीने से अधिक की अवधि के लिए बिना प्रतिनिधित्व के नहीं रह सकता है। बता दें कि पिछले साल 5 जुलाई 2021 को बीजेपी के 12 विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था।

Supreme Court में न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने की सुनवा

अब निलंबित बीजेपी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आप निर्वाचन क्षेत्र को बिना प्रतिनिधि के नहीं रख सकते हैं। चाहे यह एक निर्वाचन क्षेत्र हो या 12 निर्वाचन क्षेत्र हों…। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र को सदन में प्रतिनिधित्व किये जाने का समान अधिकार है। पीठ ने कहा कि सदन को एक सदस्य को निलंबित करने की शक्ति है लेकिन 59 दिन से आगे नहीं। पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार भी शामिल हैं।

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पीठ में शामिल जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और सीटी रविकुमार ने कहा कि ‘अगर हम इस तथ्य को मान भी लें कि हाउस को सस्पेंड करने की ताकत है लेकिन आप किसी क्षेत्र को प्रतिनिधित्व करने से एक साल तक नहीं रोक सकते हैं। अगर कोई सदस्य निष्कासित हो जाता है तो वो वहां खाली स्थान यानी वैकेंसी होती हो जाती है और इसे 6 महीने के अंदर भरा जाना जरूरी है।’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायकों को एक साल तक निलंबित करना निष्कासन से भी खराब है। वह एक साल के अंदर इस निलंबन की समीक्षा करेगा।

Supreme Court में 18 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को करेगी। बता दें कि अदालत में निलंबित विधायकों की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी, महेश जेठमलानी और सिद्धार्थ भटनागर अपनी दलीलें दे रहे थे। वहीं, महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील सीए सुंदरम कोर्ट में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि निलंबित करने की ताकत बिल्कुल सही है और राज्य विधानसभा के इस फैसले में कोई कमी नहीं है।

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Maharashtra 12 MLA Suspension इन विधायकों को किया गया है निलंबित

बता दें कि जिन 12 विधायकों को निलंबित किया गया है, उनमें संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया शामिल हैं। इन 12 विधायकों को निलंबन की अवधि के दौरान मुंबई और नागपुर में विधानमंडल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ ‘दुर्व्यवहार’ करने के आरोप में बीजेपी के 12 विधायकों को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।

राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था। इसके बाद इन विधायकों ने निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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