सुप्रीम कोर्ट अब पूरी तरह से डिजिटल हो गया है। अब लोग इंटरनेट के माध्यम से भी केस और याचिका दायर कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की मौजूदगी में एकीकृत मुकदमा प्रबंधन प्रणाली का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी शुरुआत की।
इस प्रणाली से आंकड़ें हासिल करने और ऑनलाइन सूचना हासिल करने में मदद मिलेगी और यह सुप्रीम कोर्ट में कागज रहित काम की दिशा में एक अहम कदम होगा। सुप्रीम कोर्ट के डिजिटल होने पर पीएम मोदी ने कहा कि आज छुट्टी है और हम लोग काम कर रहे हैं। देश बदल रहा है। छुट्टी में भी लोग काम करते हैं।
इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि तकनीक की ताकत बड़ी अद्भुत होती है। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘मन बदले, मंतव्य बदले तभी बदलाव आएगा। नोट को सुरक्षित रखने पर अरबों खर्च होता है। कागज वाली करेंसी का वक्त जाने वाला है। इसलिए डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करें और पैसे बचाएं।’
पीएम ने कहा, ‘ई-गवर्नेंस आसान और कारगर हो और ई-गवर्नेंस का जीवन के हर क्षेत्र में उपयोग करें। हमारी तकनीक समझ केवल हार्डवेयर तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए। चुनौती सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर में नहीं है। इसके लिए एक सामूहिक मन बनाना पड़ता है, एक चेन अटकी तो पूरी प्रक्रिया अटक जाती है।’
इस दौरान उन्होंने नया मंत्र देते हुए कहा कि IT+IT=IT मतलब इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी + इंडियन टैलेंट = इंडिया टूमारो।
अदालतों में लंबित मामलों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने इस बात को लेकर मुख्य न्यायधीश से चिंता जाहिर की थी कि लंबित केसों को कैसे कम किया जाए।
पीएम ने कहा कि कागज की करेंसी का वक्त जा रहा है। रिसर्च कहती है कि A4 साइज का एक पेपर बनाने की प्रक्रिया में 10 लीटर पानी खर्च होता है, अगर हम पेपरलेस हुए तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए कितना पानी बचाएंगे। डिजिटल करेंसी को जीवन का हिस्सा बनाएं।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत विज्ञान भवन में हुई। इस अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खेहर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में डिजिटल फाइलिंग की व्यवस्था शुरू होने से वकील अब अपने कक्ष से भी ई फाइलिंग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि वादी को फाइलिंग, कोर्ट फीस आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी।