सुप्रीम कोर्ट ने एलजी पॉलिमर को 30 लोगों की सूची देने का निर्देश दिया , जिन्हें प्लांट परिसर में जाने की अनुमति  दी जा सके |

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यू यू ललित , जस्टिस मोहन.शांतनगौदर और जस्टिस विनीत सरन की बेंच , ने आज एलजी पॉलीमर्स को निर्देश दिया कि वे आज दोपहर 3 बजे तक जिला कलेक्टर को 30 लोगों की सूची दे, जिन्हें विशाखापत्तनम में प्लांट परिसर में जाने की अनुमति दी जा सकती है।

एलजी पॉलिमर के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को कहा कि उन्होंने 3 दिन पहले एनजीटी के आदेश के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है । उन्होंने आगे बताया कि अपीलकर्ता एनजीटी की कानूनी प्रक्रिया में चले गए थे|

उन्होंने पीठ को आगे सूचित करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने खुद एक समिति बनाई थी और संयंत्र परिसर को सील कर दिया था। इसके अलावा अनुमति केवल उच्च न्यायालय के पास उपलब्ध है और जब तक वे कोर्ट में मौजूद थे तब तक सीलिंग का आदेश पारित नहीं किया गया था और ना ही उनको बाद में इसकी जानकारी दी गई।

पीठ ने माना कि कुछ मुद्दे थे जिन पर उच्च न्यायालय द्वारा विचार करने की आवश्यकता थी, इसलिए पीठ ने कहा कि वे अपने उन सभी मुद्दो को रिकॉर्ड करेगे और इसे आगे के विचार के लिए उच्च न्यायालय को भेजेंगे।

रोहतगी ने कहा कि अपीलकर्ता खुद इसमे भाग लेना चाहते हैं ना कि भाग रहे हैं । उनको और अधिक समस्याएँ हो सकती हैं यदि उन्हें परिसर में प्रवेश से वंचित कर दिया गया तो।

उन्होंने आगे प्रर्थना करते हुए कहा कि आपातकालीन परिस्थिति में परिसर में जाने की अनुमति दी जाए और आगे बताया कि अपीलकर्ता उच्च न्यायालय में अगले सप्ताह से पहले स्थानांतरण याचिका दायर करना चाहते है।

हालांकि पीठ ने  कहा कि स्थानांतरण याचिका पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई नहीं करेगा , लेकिन उच्च न्यायालय या एनजीटी के  मामले सुनवाई कर सकते हैं।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश पर तुरंत हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था, जिसमें एलजी पॉलिमर को विशाखापत्तनम में गैस रिसाव से हुए नुकसान के लिए 50 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया था, जिसमें कम से कम 12 लोग मारे गए थे।

एलजी पॉलिमर ने 7 मई की गैस रिसाव की घटना से के बाद  उच्च न्यायालय, एनएचआरसी और केंद्र सरकार द्वारा कई समितियों के गठन पर भी सवाल उठाए। न्यायालय ने कहा कि इस मामले को 1 जून को एनजीटी के समक्ष उठाऐ।

इस मामले पर अगली सुनवाई  8 जून को होगी ।

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