गुजरात में सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में 2 साल की सजा सुनाई है। हालांकि राहुल को मोहलत दी गई है कि वे इस सजा को चुनौती दें। मामले में कांग्रेस हाईकोर्ट का रुख करेगी। दरअसल पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने कहा था कि सारे चोरों के नाम में मोदी क्यों होता है? अब इस मामले में राहुल दोषी करार दिए गए हैं। मामले ने तूल इसलिए भी पकड़ा हुआ है क्योंकि इस सजा से राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर भी तलवार लटक गई है। लेकिन पूरे मामले में कांग्रेस के लिए राहत भरी बात ये रही है कि कई विपक्षी पार्टियों ने खुलकर राहुल गांधी का समर्थन किया है। इसमें वो पार्टियां भी हैं जो कांग्रेस की सहयोगी नहीं हैं।
इस मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”ग़ैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें ख़त्म करने की साज़िश हो रही है। हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं मगर राहुल गांधी जी को इस तरह मानहानि मुक़दमे में फंसाना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना। हम अदालत का सम्मान करते हैं पर इस निर्णय से असहमत हैं।”
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ”देश की मानहानि ,जनता की मानहानि ,सौहार्द की मानहानि,संविधान की मानहानि, अर्थव्यवस्था की मानहानि। भाजपा पर न जाने कितने प्रकार के मानहानि के मुक़दमे होने चाहिए। विपक्ष को नगण्य मुक़दमों में फँसाकर अपना राजनीतिक भविष्य साधनेवाली भाजपा विपक्ष की ताक़त से डर गयी है।”