इस साल जुलाई महीने में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल खत्म होने वाला है। इसके साथ ही नए राष्ट्रपति के नाम की दौड़ में कई नाम सामने आ रहे है। तमाम चर्चाओं के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के नाम को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थी।
खुद मोहन भागवत ने इस खबर का खंडन किया है। उन्होंने न सिर्फ खबर को नकारा बल्कि कहा कि इस तरह की खबरें सिर्फ मनोरंजन के लिए होती हैं और इसे वहीं तक सीमित रखना चाहिए।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ‘भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है तो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपति पद के लिए बेहतर विकल्प है। लेकिन उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला उद्धव जी द्वारा किया जाएगा।’
राउत ने कहा, ‘यह देश में शीर्षतम पद है। इस पद के लिए किसी बेदाग छवि वाले व्यक्ति को होना चाहिए। हमने सुना है कि राष्ट्रपति पद के लिए भागवत के नाम पर विचार चल रहा है।’
राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना का वोट भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। राउत ने राष्ट्रपति चुनाव पर बातचीत के लिए भाजपा को ‘मातोश्री’ आने को कहा है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी को 20,000 से 25,000 वोटों की कमी हो सकती है।
राउत ने भाजपा से मातोश्री आने को कहा है। बांद्रा नगर में स्थित ‘मातोश्री’ ठाकरे का आवास है। उन्होंने इस ओर भी इशारा किया कि साल 2007 और साल 2012 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए शिवसेना के समर्थन पर बातचीत ‘मातोश्री’ में ही हुई थी।