Netaji Statue: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने वाले हैं। पराक्रम दिवस के मौके पर जिस स्थान पर पीएम मोदी ने इसी साल के शुरुआत में नेताजी का होलोग्राम रखा था। अब वहां पर विशाल मूर्ति का अनावरण होने जा रहा है। नेताजी की ये मूर्ति कई मायनों में खास है। हालांकि, इस मूर्ति के अनावरण को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम पर तंज कसा है। अब नेताजी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
Netaji Statue: नेताजी की मूर्ति को लेकर क्या कहा ममता बनर्जी ने?
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फुट ऊंची प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी अनावरण करने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को भी उस कार्यक्रम में आने का न्योता दिया गया है। मगर इस निमंत्रण पर ममता नाराज हो गयी। उनका कहना है कि मुझे बुरा लग रहा है कि लोग दिल्ली में नेताजी की मूर्ति का अनावरण कर रहे हैं। उस मूर्ति का क्या जो पहले से मौजूद है? मुझे प्रधानमंत्री के सेक्रेटरी से मैसेज मिला है कि पीएम मूर्ति अनावरण करने वाले हैं और मुझे वहां मौजूद रहना है। मैं क्या उनकी बंधुआ मजदूर हूं?
ममता बनर्जी के इस बयान पर बीजेपी ने उनपर बयानों से हमला बोला है। बीजेपी का कहना है कि बंगाल की सीएम ने नेताजी को कभी सम्मान नहीं दिया। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी को बुरा लग रहा है कि नेताजी की मूर्ति दिल्ली में लगायी जा रही है। उनकी तरफ से नेताजी के सम्मान में कुछ नहीं किया, अब जब पीएम ने ये जिम्मेदारी ली है तो वो इस प्रकार की बयानबाजी कर रही हैं।
Netaji Statue: क्या कहा नेताजी के परिवार ने?
गौरतलब है कि मूर्ति अनावरण के कार्यक्रम में नेताजी के परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं होगा। जर्मनी में मौजूद उनकी बेटी अनीता बोस फाफ भारत नहीं आने वाली हैं। उनका कहना है कि इतने शॉर्ट नोटिस पर जर्मनी से भारत आना मुश्किल है। वहीं, नेताजी का परिवार ये सवाल उठा रहा है कि किसी भी दिन नेताजी की मूर्ति का अनावरण नहीं किया जा सकता।
Netaji Statue: 280 मेट्रिक टन ग्रेनाइट से बनी मूर्ति
मूर्ति को लेकर बताया जा रहा है कि इसे जेट ब्लैक ग्रेनाइट से बनाया गया है। बड़ी बात ये है कि मूर्ति को बनाने में कम से कम 280 मेट्रिक टन ग्रेनाइट का इस्तेमाल हुआ है। ग्रेनाइट स्टूडियो इंडिया के एमडी रजत मेहता बताते हैं कि बिना किसी नुकसान के नेताजी का ये स्टैच्यू 100 सालों तक ऐसे ही मजबूती के साथ खड़ा रहेगा। एमडी रजत मेहता ने आगे ये भी बताया कि इस मूर्ति को सिर्फ एक बड़े पत्थर से ही तराशा गया है। वहीं, तेलंगाना से दिल्ली भी इसे रिकॉर्ड 14 दिन में ट्रांसपोर्ट कर दिया गया।
Netaji Statue: 34 बार टायर फटे, आसान नहीं था ट्रांसपोर्टेशन
बता दें कि मूर्ति का दिल्ली तक का सफर आसान नहीं था। मूर्ति इतनी भारी और बड़ी थी कि इसकी ट्रांसपोर्टेशन में सभी के पसीने छूट गए। जानकारी के मुताबिक, सफर के दौरान कम से कम 34 टायर फट गए थे। कई बार टायर बदलने पड़े। मूर्ति इतनी बड़ी थी कि इसके लिए एक अलग वाहन को तैयार किया गया। संस्कृति मंत्रालय ने जानकारी दी है कि मूर्ति को लाने के लिए एक 100 फीट लंबे ट्रक का इस्तेमाल किया गया था।
उस ट्रक में 140 टायर थे। 14 दिन में उस ट्रक ने 1,665 किलोमीटर का सफर तय किया। बताया जा रहा है कि नेताजी की मूर्ति बनाने में 26 हजार घंटे का समय लगा। कई लोगों ने इस पर काम किया और तब जाकर बेहतरीन और आला दर्जे की मूर्ति तैयार हो पायी।
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