Lalu Yadav के नाम से बिहार की सियासत में हर दिन कुछ-न-कुछ नया होता रहता है। लालू यादव बिहार की चुनावी राजनीति से भले दूर हों लेकिन उनकी धमक आज भी सियासी के गलियारों में सुनाई देती रहती है। लालू यादव चारा घोटाले में जमानत पर बाहर हैं और दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं।
इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगा दिया है कि लालू यादव जेल में रहते हुए अपनी पार्टी राजद के लिए चुनाव प्रचार करते हैं।
दरअसल एक पत्रकार वार्ता में जब पत्रकारों ने नीतीश कुमार से लालू यादव के चुनाव प्रचार के मुद्दे पर टिप्पणी देने को कहा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे (लालू यादव) भाषण देंगे या कुछ और करेंगे ये उनकी इच्छा है। जेल से भी तो काम करते ही हैं।
लालू यादव की सियासत कभी नहीं ठहरती
नीतीश कुमार के इस बयान पर राजद जरूर पलटवार करेगा क्योंकि नीतीश कुमार ने सीधे लालू यादव पर हमला बोला है। दरअसल लालू यादव चारा घोटाले में जब से सजायाफ्ता हुए हैं। उनका ज्यादातर समय बिरसामुंडा जेल में नहीं बल्कि राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) रांची में गुजरा।
लालू यादव को लीवर के साथ-साथ दिल की बीमारी है। इसके अलावा शुगर सहित अन्य तमाम बीमारियों की चपेट में लालू यादव पहले से हैं।
यही कारण है कि लालू यादव ने अपनी सजा का ज्यादातर हिस्सा रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में बिताया। उस दौरान लालू यादव से मिलने वाले लोगों का तांता लगा रहता था।
कोरोना में लालू यादव को बेहद सतर्कता से रखा गया
कोरोना काल में तो लालू यादव के लिए बाकायदा रिम्स मेडिकल के खाली पड़े डायरेक्टर के आवास को स्पेशल वॉर्ड में बदल दिया गया था। लालू यादव जेल में रहें या फिर अस्पताल में वो मिलने वाले लोगों से संदेश भेजकर पार्टी का संचालन करते रहते हैं।
इस मामले में बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तो कई बार कहा कि लालू यादव अस्पताल में भर्ती होकर राजद की राजनीकि करते हैं। उनकी जमानत तत्काल खारिज की जानी चाहिए और उन्हें वापस बिरसामुंडा जेल भेजा जाना चाहिए।
नीतीश कुमार ने इस मामले में कभी सीधे तो हमला नहीं बोला है लेकिन परोक्षतौर पर वह भी लालू यादव को राजद का खेवनहार मानते हैं।
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