उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Capital of Uttar Pradesh Lucknow) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में हुई हिंसा का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है। मुआवजे से परिवार के शोर को बंद करा दिया है लेकिन अभी धुआं उठना बंद नहीं हुआ है। राजनीतिक पार्टियां लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर ट्वीट कर इसे सुर्खियों में ला देती हैं। इस मामले पर आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास मुखकर होकर अपनी बात रख रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर किसानों के हित में ट्वीट किया है।
ट्वीट कर लगाई क्लास
कुमार विश्वास ने एसी रूम में ऊंची ऊंची बिल्डिंग में बैठकर किसानों की बात करने वाले को आईना दिखाया है। सीधे तौर पर न सही लेकिन विश्वास ने घुमा कर ही सही पत्रकारों पर तंज कसा है।
कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा कि, “नोएडा-गुड़गाँव के अपार्टमेंट में 20वें फ़्लोर पर रहने वाले वे ज्ञानी रिसर्चिए जिनके मोबाइल में गाँवों में किसानी करने वाले 10 लोगों के नम्बर तक नहीं हैं और जिन्होंने किसान-खेत-गाँव केवल मुम्बईया फ़िल्मों में देखे हैं, चैनल-चैनल किसानों की राजनैतिक अल्पज्ञता पर तप्सरा कर रहे हैं।”
बड़ा अखबार हिंसा के लिए किसानों को बता चुका है जिम्मेदार
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर मीडिया बंधुओं से लेकर आम जनता अपनी तरह से राय पेश कर रही है। कोई किसानों के आंदोलन को सही बता रहा है तो कोई गलत बता रहा है।
अभी हाल ही में एक बड़े मीडिया हाउस के अखबार ने पहले पन्ने पर हेडलाइन में कहा था कि किसानों के उत्पात के कारण लखीमपुर खीरी में हिंसा हुई है। इस तरह चार दीवारी में बैठकर किसानों पर DNA करने वालों को कुमार विश्वास ने नसीहत दी है।
कुमार विश्वास ने कहा कि जिनके फोन में गांव के खेतों में काम करने वाले किसानों का नंबर तक नहीं है। वह लोग भी इनपर रिसर्च कर रह हैं। बता दें कि कुमार विश्वास इस मुद्दे पर आए दिन ट्वीट करते रहते हैं। इससे पहले उन्हेंने मिर्जापुर वाले अंदाज में आशीष मिश्रा को पुलिस के सामने पेश होने के लिए आग्रह किया था।
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