सात साल के बाद जारी की गई 384 Essential Medicines की सूची, जानिए आवश्यक दवाओं के बारे में और सबसे पहले किस देश ने एवं क्यों जारी की थी ऐसी सूची

आवश्यक दवाओं की सूची रोग की व्यापकता, प्रभावकारिता, सुरक्षा और दवाओं की तुलनात्मक लागत-प्रभावशीलता को ध्यान में रखकर बनाई जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ये Essential Medicines इस प्रकार उपलब्ध होनी चाहिये कि व्यक्ति या समुदाय इनको जरूरत के समय आसानी से खरीद सकें.

0
202
सात साल के बाद जारी की गई 384 Essential Medicines की सूची, जानिए आवश्यक दवाओं के बारे में और सबसे पहले किस देश ने एवं क्यों जारी की थी ऐसी सूची - APN News

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 13 सितंबर 2022 को सात साल के लंबे अंतराल के बाद आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची – National List of Essential Medicines (NLEM) नई सूची जारी की गई.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) के अनुसार, आवश्यक दवाएं वे हैं जो लोगों की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं.

आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के सभी स्‍तरों पर सस्ती ओर गुणवत्ता वाली दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण और बड़ी भूमिका अदा करती है. इससे सस्‍ती, गुणवत्तापूर्ण दवाओं को बढ़ावा मिलता है और देश के नागरिकों पर स्वास्थ्य देखभाल को लेकर होने वाले जेब खर्च में कमी आती है.

आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में सूचीबद्ध दवाएं राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) द्वारा तय किए गए निर्धारित मूल्य सीमा से नीचे बेची जाती हैं.

ये भी पढ़ें – Shanghai Cooperation Organisation सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज उज्बेकिस्तान पहुंचेंगे पीएम मोदी, जानिए SCO के बारे में जिसके चीन और पाकिस्तान दोनों है सदस्य

NLEM 1
National List of Essential Medicines

आवश्यक दवाएं

भारत सरकार के अनुसार आवश्यक दवाएं वे हैं जो उपचार की प्रभावशीलता, सुरक्षा, गुणवत्ता और कुल लागत के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य (Primary Healthcare) देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करती हैं.

आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची का प्राथमिक उद्देश्य तीन महत्वपूर्ण पहलुओं- लागत, सुरक्षा और प्रभावकारिता (Effectiveness) पर विचार करते हुए दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना है. यह स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों और बजट के अधिकतम उपयोग; सरकारी दवा खरीद संबंधी नीतियों, स्वास्थ्य बीमा; निर्धारित आदतों में सुधार; यूजी/पीजी के लिए चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण; और दवा नीतियां तैयार करने में मदद करती है.

आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में, दवाओं को स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के स्तर के आधार पर बांटा जाता है जैसे- पी- प्राथमिक; एस- द्वितीयक और टी- तृतीयक.

ये भी पढ़ें – Instant Loan Apps | जानिए क्यों तुरंत कर्ज देने वाली ऐप्स के चक्कर में फंस रहे है भारतीय और इन अवैध कंपनियों की जांच कर रहे गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय के बारे में

384 दवाएं शामिल

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2022 में जारी की गई आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में 384 दवाओं को रखा गया है. सूची में 34 नई दवाओं को शामिल किया गया है, वहीं पिछली सूची में शामिल 26 दवाओं को हटा दिया गया है. सूची में दवाओं को 27 चिकित्सीय श्रेणियों में बांटा गया है.

NLEM 1 1

क्यों हटाई जाती है दवाएं?

यदि कोई दवा भारत में प्रतिबंधित हो जाती है या फिर उससे अधिक प्रभावकारिता या अनुकूल सुरक्षा के साथ और बेहतर लागत-प्रभावशीलता वाली दवा उपलब्ध है तो उसे आवश्यक दवाओं की सूची से हटा दिया जाता है.

ये भी पढ़ें – गुजरात में वेंदाता और फॉक्सकॉन बनाएगी Semiconductors, 1.5 लाख करोड़ के निवेश का ऐलान, जानिए क्यों भारत दिखा रहा है चिप निर्माण में इतनी रुचि

1996 में पहली बार बनी थी सूची

भारत में आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची पहली बार 1996 में तैयार की गई थी जिसमें 279 दवाएं शामिल थी. इसके बाद सूची को 2003, 2011 और 2015 में तीन बार संशोधित किया जा चुका है.

कैसे तैयार हुई आवश्यक दवाओं की सूची?

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा चिकित्सा पर स्वतंत्र स्थायी राष्ट्रीय समिति (एसएनसीएम) का गठन 2018 में किया गया था. समिति ने विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ लंबी चर्चा के बाद आवश्यक दवाओं की सूची, 2015 को संशोधित किया और आवश्यक दवाओं की सूची, 2022 पर अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सौंपी.

भारत सरकार द्वारा इस समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया. स्वतंत्र स्थायी राष्ट्रीय समिति के गठन की प्रक्रिया हितधारकों के वैज्ञानिक स्रोतों द्वारा समर्थित जानकारी और अपनाए गए समावेशी/निवारण सिद्धांत पर निर्भर करती है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची 2022 का संशोधन शिक्षाविदों, उद्योगपतियों और सार्वजनिक नीति विशेषज्ञों आदि से जुड़े हितधारकों व विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2021 में तैयार कि गई आवश्यक दवाओं की सूची जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ लंबें परामर्श के बाद जारी किया गया है.

आवश्यक दवाओं की सूची (Essential Medicines List)

आवश्यक दवाओं की सूची रोग की व्यापकता, प्रभावकारिता, सुरक्षा और दवाओं की तुलनात्मक लागत-प्रभावशीलता को ध्यान में रखकर बनाई जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ये दवाएं इस प्रकार उपलब्ध होनी चाहिये कि व्यक्ति या समुदाय इनको जरूरत के समय खरीद सकें.

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आवश्यक दवाओं की सूची को प्रति दो वर्ष में अपडेट किया जाता है. आवश्यक दवाओं का चयन एक विशेषज्ञ समिति द्वारा तय किया जाता है.

ये भी पढ़ें – जानिए क्यों फिर से चर्चा में EWS आरक्षण का मुद्दा, जिस पर सुप्रीम कोर्ट करने जा रहा है सुनवाई

कहां से हुई थी शुरूआत?

अफ्रीकी देश तंजानिया वर्ष 1970 में अपनी आवश्यक दवाओं की सूची बनाने वाला दुनिया का पहला देश था. फिर 1975 में, विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) ने WHO से अनुरोध किया कि वह उचित कीमत पर अच्छी गुणवत्ता का आश्वासन देते हुए आवश्यक दवाओं के चयन और खरीद में सदस्य राज्यों की मदद करे. इसके बाद WHO द्वारा आवश्यक दवाओं की पहली सूची वर्ष 1977 में प्रकाशित की गई थी जिसमें 186 दवाएं शामिल थी.

WHO List of Essential Medicines 1

ये भी पढ़ें – Human Development Index में दो स्थान नीचे फिसला भारत, जीवन प्रत्याशा 69.7 वर्ष से घटकर हुई 67.2 वर्ष, जानिए भारत और अन्य देशों के बारे में क्या बताती है ये रिपोर्ट

आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल करने के लिए इन मानदंडों का किया जाता है पालन-

1. रोगों में उपयोगी हो जो भारत में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है.

2. लाइसेंसयुक्‍त / अनुमोदित औषधि महानियंत्रक (भारत) (डीसीजीआई) हो.

3. वैज्ञानिक साक्ष्‍यों के आधार पर प्रमाणित प्रभावकारिता और सुरक्षा हो.

4. तुलनात्मक रूप से सस्ती हो.

5. वर्तमान उपचार दिशानिर्देशों के अनुरूप हो.

6. भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत अनुशंसित हो.

7. जब एक चिकित्सा संबंधी वर्ग की एक से अधिक दवाएं उपलब्ध हों, तो उस वर्ग की एक प्रोटोटाइप/चिकित्सकीय रूप से सबसे उपयुक्त दवा शामिल की जानी चाहिए.

8. कुल उपचार के मूल्‍य पर विचार किया जाता है न कि किसी दवा की इकाई कीमत पर.

9. निश्चित खुराक संयोजन आमतौर पर शामिल नहीं होते हैं.

10. जब कभी टीके को सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम (जैसे रोटावायरस वैक्सीन / कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान) में शामिल किया जाता है.

दवाओं की पूरी सूची देखने के लिए इस लिंक पर जायें – https://cdsco.gov.in/opencms/opencms/system/modules/CDSCO.WEB/elements/download_file_division.jsp?num_id=OTAxMQ==

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here