भारत में जाति और धर्म के आधार पर चुनाव लड़ना कोई नई बात नहीं है। यूपी में भी इन दिनों विधानसभा चुनाव चल रहे हैं तो जाति और धर्म का कॉम्बीनेशन बनना तो लाजमी है। यूपी की सभी पार्टियां इसी कॉम्बीनेशन को बनाने में महीनों से लगी थी। बसपा और सपा ने इसी वजह से यूपी चुनाव में करीब 100-100 मुस्लिम और दलित उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं भाजपा ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है। जिसकी कमी अब भाजपा नेताओं को खल रही है। राजनाथ सिंह और उमा भारती के बाद मोदी सरकार के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी ऐसा बयान दे दिया जिसपर हंगामा मचा हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी ने मुस्लिम को टिकट दिया होता तो अच्छा होता।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बयान देने के बाद अपनी पार्टी का बचाव करते हुए कहा कि भाजपा समाज के प्रत्येक लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है और हमने केंद्र में सभी के सहयोग से सरकार बनाई है इसी प्रकार हम यूपी में भी सरकार बनाएंगे। राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर हर समुदाय का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जब राज्य में हम सरकार बनाएंगे तब जनता की समस्याओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
गौरतलब है कि बीते गुरुवार को भी राजनाथ सिंह ने भी मुसलमानों को टिकट ना देने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार और टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि “भाजपा को यूपी में मुस्लिमों को भी टिकट देना चाहिए था”। ऐसी ही बात भाजपा की नेता और जल संसाधन मंत्री उमा भारती भी कह चुकी हैं।