कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ISIS की के घुसने सबूत मिले हैं। वैसे भी यह कश्मीर का कोई नया मामला नहीं है यहां हर दिर ऐसी खबरें आती है। मगर भारत की खुफिया एजेंसियों ने इसका खुलासा किया है। बीते दिन सोमवार को दो आतंकी कासिम खुरासानी और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आपको बता दें कि भारतीय खुफिया एजेंसी पिछले एक साल से इन लोगों पर कड़ी नजर रख रही है। साल 2020 के अप्रैल महीने में भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा, जम्मू-कश्मीर में आईएसआईएस मॉड्यूल के संस्थापक सदस्यों में से एक, उमर निसार भट उर्फ ​​कासिम खोरासानी, जो वहां आईएस कैडरों की भर्ती में भी शामिल था, उसकी पहचान एक मैसेजिंग ऐप के जरिए किया गया।

बताया जा रहा है कि कासिम खोरासानी अफगानिस्तान के खुरासान में है, लेकिन बाद में वह भारतीय और विदेशी एजेंसियों की मदद से अनंतनाग जिले के एक छोटे से शहर अचबल में पाए गए हैं। यहां वह मैसेजिंग एप पर अपने समूह के सदस्यों के साथ पत्रिका स्वात अल-हिंद (वॉयस ऑफ इंडिया) के प्रोडक्शन और सर्कुलेशन के बारे में बात कर रहे थे।

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खबर के अनुसार बताया जा रहा है कि इस पत्रिका ने गज़वा-ए-हिंद का भी प्रचार किया, जिसके तहत आतंकवादी काले झंडे के साथ सीरिया से भारत की ओर मार्च करेंगे, जिहाद करेंगे और देश को इस्लामिक देश में बदल देंगे। पत्रिका स्वात अल-हिंद को विलायत अल-हिंद के विचार का प्रचार करने के लिए तैयार किया जा चुका है। विलायत अल-हिंद की स्थापना मई 2019 में विशेष रूप से भारत की ‘गतिविधियों’ पर ध्यान देने के लिए किया गया था।

एक मीडिया एजेंसी ने बता कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी भारत में अपने कैडर के साथ विभिन्न संघर्ष क्षेत्रों से काम कर रहे थे, और इन्होंने एक नेटवर्क बना रखा है जिसमें आईएसआईएस से संबंधित प्रचार प्रसार किया जाता है और ऑनलाइन फर्जी आईडी के जरिए युवाओं को अपने यहां भर्ती करते है।

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