मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है, यह फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। इस बैठक के दौरान मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है। नई शिक्षा नीति में शिक्षा का अधिकार कानून के दायरे को व्यापक बनाया गया है, अब 3 साल से 18 साल के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के अंदर लाया जाएगा। अब कला, संगीत, शिल्प, खेल, योग, सामुदायिक सेवा जैसे सभी विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इन्हें सहायक पाठ्यक्रम या अतिरिक्त पाठ्यक्रम नहीं कहा जाएगा.. नई शिक्षा नीति बच्चों में जीवन जीने के जरूरी कौशल और जरूरी क्षमताओं को विकसित किए जाने पर जोर देती है।

नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शैक्षणिक संस्थानों में विश्वस्तरीय अनुसंधान और उच्च गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई पर जोर दिया गया है। अब हायर एजुकेशन में विश्व स्तरीय शोध पर फोकस किया जाएगा। अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम का ढांचा भी बदला जाएगा, कोर्स के दौरान कई क्लास से निकलने या प्रवेश करने के कई विकल्प दिए जाएंगे। पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान पद्धतियों को शामिल करने, ‘राष्ट्रीय शिक्षा आयोग’ का गठन करने और निजी स्कूलों को मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने से रोकने की सिफारिश की गई है।

नई नीति में शिक्षकों के प्रशिक्षण में व्यापक सुधार के लिए, शिक्षक प्रशिक्षण और सभी शिक्षा कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों या कॉलेजों के स्तर पर शामिल करने की सिफारिश की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 को.. भारतीय लोगों, उनकी परम्पराओं, संस्कृतियों और भाषाओँ की विविधता को ध्यान में रखते हुए तेज़ी से बदलते समाज की ज़रूरतों के आधार पर तैयार किया गया है।

इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है।

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