गुजरात के चुनावी इतिहास में Congress की सबसे बड़ी हार, कांग्रेस के पास विपक्ष का नेता बनने लायक भी सीटें नहीं

चुनाव आयोग के मुताबिक Congress इस समय 15 सीटों पर जीत दर्ज कर चूकी है तो वहीं 2 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. गुजरात के चुनावी इतिहास में कांग्रेस ने कभी भी इतनी कम सीटें नहीं जीती है.

0
169
गुजरात के चुनावी इतिहास में Congress की सबसे बड़ी हार, कांग्रेस के पास विपक्ष का नेता बनने लायक भी सीटें नहीं - APN News
Congress President Mallikarjun Kharge and Sonia Gandhi

नवंबर, दिसंबर के माह में हुए हो राज्यों के चुनावे के नतीजे अब लगभग साफ हो गये हैं. हिमाचल में कांग्रेस (Congress) पार्टी जहां बहुमत हासिल हुआ है तो वहीं गुजरात (Gujarat) में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बीच कांग्रेस को अब तक की सबसे बड़ी हार नसीब हुई है.

चुनाव आयोग के मुताबिक Congress इस समय 16 सीटों पर जीत दर्ज कर चूकी है तो वहीं 1 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. गुजरात के चुनावी इतिहास में कांग्रेस ने कभी भी इतनी कम सीटें नहीं जीती है.

गुजरात में कांग्रेस की हार के कई बड़े कारण हैं. इनमें सबसे बड़ा कारण ये है कि कांग्रेस के पास आज के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कद का कोई नेता नहीं है. इसके अलावा, नेताओं का पार्टी छोड़ने से नहीं रोक पाना और राहुल गांधी का चुनावी प्रचार न करना भी शामिल है. राहुल इस समय कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक की 3,500 किलोमीटर से ज्यादा लंबी भारत जोड़ो यात्रा पर फोकस कर रहें हैं.

Rahul Gandhi in Gujarat

भाजपा ने 1985 में KHAM फार्मूले के आसरे कांग्रेस के माधव सिंह सोलंकी द्वारा बनाए गए 149 सीटें जीतने का रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस द्वारा गुजरात में 1960 से लेकर 1995 तक में अलग-अलग समय में करीब 27 सालों तक सत्ता संभालने के रिकार्ड को भी भाजपा ने अबकी बार तोड़ दिया है. 1995 से भाजपा लगातार सत्ता में रही है बीच में कुछ दिनों के लिए शंकर सिंह वघेला सत्ता में रही है.

ये भी पढ़ें – जानिए Gujarat के कांग्रेस नेता Madhav Singh Solanki के KHAM फार्मूले के बारे में और 1985 का वो रिकार्ड जिसको 37 साल बाद भी नहीं तोड़ पाई भाजपा

गुजरात में चुनावी इतिहास में Congress की सबसे बड़ी हार

2017 में अपनी उम्मीद को पंख लगाने वाली कांग्रेस को 2022 में पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में अपने इतिहास की सबसे बड़ी हार मिली है. शाम 5 बजे तक गुजरात मे कांग्रेस को 10 सीटों पर जीत दर्ज कर चूकी है तो वहीं 7 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. इससे पहले कांग्रेस को सबसे कम सीटें साल 1990 के विधानसभा चुनाव में मिली थी जब उसने 33 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद से लगातार चुनाव-दर-चुनाव कांग्रेस की सीटें बढ़ती ही जा रही थी. 2017 में 77 सीट जीतने वाली कांग्रेस 2022 में गुजरात को लेकर काफी उत्साहित थी. लेकिन रूझानों के मुताबिक इस बार कांग्रेस सबसे बड़ी हार की तरफ बढ़ रही है.

क्या हैं Congress की हार के बड़े कारण?

गुजरात Assembly Election में कांग्रेस को मिली अब तक की सबसे बड़ी हार के पिछे का बड़ा कारण पार्टी के पास पीएम मोदी के कद का कोई बड़ा नेता नहीं होना है. जिसका नुकसान चुनाव में पार्टी को उठाना पड़ा. कांग्रेस ने अपने नये-नये बने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रचार के लिए भेजा लेकिन वो पीएम मोदी की तरह प्रभावी भाषण, लोगों से सीधा संवाद और भरोसा कायम नहीं कर पाए. सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी जैसे बड़े नेताओं ने पार्टी के लिए प्रचार करना जरूरी नहीं समझा तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केवल एक दिन ही गुजरात के चुनाव को दे पाए, इस दौरान भी उन्होंने केवल दो ही जनसभाओं को संबोंधित किया.

Congress गुजरात में पार्टी को छोडकर जा रहे नेताओं को भी नहीं रोक पाई. साल 2017 विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद लगने लगा था कि कांग्रेस अगले चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देगी. लेकिन जब 2022 विधानसभा चुनावों का ऐलान हुआ तो कांग्रेस पार्टी कमजोर नजर आने लगी थी.

2017 के बाद कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़कर चले गए. कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं में पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल, बड़े ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर, आदिवासी नेता मोहन्सिन रथवा और हिमांशु व्यास ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया. इस तरह से नेताओं का पार्टी से दूर जाना चुनाव में भारी पड़ा. कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया और जब नतीजे आए तो पार्टी को सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा.

Rahul Gandhi Rajkot

ये भी पढ़ें – Himachal Pradesh Election 2022 Result: 40 सीटों के साथ हिमाचल में कांग्रेस बना रही सरकार, जानें जीत के पीछे की 5 बड़ी वजह

कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी

गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेता यूं तो जीत के दावे करते हुए नजर आ रहे थे. लेकिन प्रचार के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह की भारी कमी थी. बड़े नेताओं की प्रचार से दूरी और कमरतोड़ महंगाई से लेकर बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर वो 27 साल से गुजरात पर राज कर रही भाजपा को नहीं घेर पाई. इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में संदेश गया कि कांग्रेस चुनाव में कहीं नहीं है. ऐसे में कार्यकर्ता हतोत्साहित हो गए और प्रचार में कम दिलचस्पी दिखाई.

ये भी पढ़ें – Gujarat Election Results 2022: गुजरात चुनाव की ऐतिहासिक जीत का PM मोदी ने कार्यकर्ताओं को दिया क्रेडिट, कहा- “Thank You”

AAP का तोड़ नहीं खोज पाई

साल 2017 में मिली 77 सीटों के बाद गुजरात में कांग्रेस जोश में थी और तब से ही विपक्ष की भूमिका में थी. लेकिन 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) एक बड़ी ताकत बनकर उभरी और 12.92 फीसदी वोट हासिल करने के साथ-साथ 5 सीटों पर भी जीत दर्ज की. आप ने कांग्रेस के वोट बैंक मे सीधा सेंध लगाया है. वोट बैंक के बिखराव की वजह से ही कांग्रेस को सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here