Hamid Ansari : पाक पत्रकार का दावा! पूर्व उपराष्ट्रपति के न्‍योते पर आया था भारत, यहां से खुफिया जानकारी जुटाकर सौंपी ISI को

Hamid Ansari: तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने उन्हें अपने यहां आने का न्योता दिया था। उन्होंने कहा कि आखिरी बार वह 2011 में भारत आए थे और तब मिल्ली गजट के प्रकाशक जफरुल इस्लाम खान से मुलाकात की थी।

0
243
Hamid Ansari
Hamid Ansari: Pak Reporter Nusrat Mirza.

Hamid Ansari: यूपीए के शासनकाल में भारत आए पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने सनसनीखेज दावा कर सभी को चौंका दिया है। ये मामला तब सुखिर्यों में आया जब एक यूट्यूबर शकील चौधरी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने एक वाकये का जिक्र किया। जिसमें वह साल 2005 से 2011 के बीच तकरीबन 5 बार भारत आए और यहां से खुफिया सूचनाएं इकट्ठी कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तक पहुंचाई।

इंटरव्‍यू के दौरान मिर्जा ने अपने वर्ष 2010 के दौरे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत में वह आतंकवाद को लेकर एक सेमिनार में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने उन्हें अपने यहां आने का न्योता दिया था। उन्होंने कहा कि आखिरी बार वह 2011 में भारत आए थे और तब मिल्ली गजट के प्रकाशक जफरुल इस्लाम खान से मुलाकात की थी।

Hamid Ansari: दावा किया कि भारत दौरे के दौरान उन्होंने बहुत सारी जानकारियां इकट्ठी कीं और बाद में आईएसआई को सौंप दी। जफरुल-इस्लाम खान दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ ही भारतीय मुसलमानों के प्रमुख समाचार स्रोत मिल्ली गजट के संस्थापक-संपादक भी हैं।

hamid
India’ s Ex Vice President Hamid Ansari (Left) And Pak Journalist Nusrat Mirza.

Hamid Ansari: पाक हाईकमीशन से मिलती थीं सुविधाएं

pak high
Pak High Commission in India.

Hamid Ansari: इंटरव्‍यू के दौरान मिर्जा ने बताया है कि उन्हें पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से भी कई तरह की सुविधाएं दी जाती थीं। आमतौर पर एक पाकिस्तानी भारत के 3 शहरों में जा सकता है। लेकिन जब वह वीजा अप्लाई करते थे, तो उन्हें 5 शहरों में जाने की छूट मिलती थी, उस समय पाकिस्तान के विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी हुआ करते थे।
वे तकरीबन 5 बार भारत गए।

इस दौरान दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, पटना और कोलकाता भी गए।पाकिस्तानी लीडरशिप से निराशा जताते हुए मिर्जा ने कहा कि वे एक्सपर्ट्स के काम को नजरअंदाज कर देते हैं।

जब कोई नया चीफ आता है तो वह पुराने चीफ के काम मिटा देता है। खुर्शीद ने मुझे कहा था कि जो भी जानकारी मिली है कयानी को दे दें। बता दें कि जनरल कयानी उस वक्त पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे।

उन्होंने कयानी की बजाय खुर्शीद को ही सभी जानकारियां दीं और फिर वे कयानी तक पहुंची। हालांकि बाद में उन्हें कई बार फोन आते रहे और कहा गया कि इसी तरह की और जानकारियां दें। उनकी रिसर्च विंग है। जानकारियां भी हैं, वे भारत की कमजोरी भी जानते हैं लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं करते हैं।

Hamid Ansari: FATF आने के बाद पाकिस्तान पर सख्‍ती

FATF
FATF

मिर्जा ने बताया कि जब से FATF आया है। पाकिस्तान ने आतंकवाद से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं की है, क्‍योंकि उस पर सख्‍ती है। उसके हाथ बंधे हुए हैं। गौरतलब है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी (FATF) एक विश्‍वव्‍यापी संस्‍था है।जोकि टेरर फाइनेंस वॉचलिस्ट के जरिये हर देश पर नजर रखता है।ऐसे में संस्‍था आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए मापदंडों को पूरा नहीं करने के लिए पाकिस्तान पर कड़ी नजर रखे हुए है।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here