हाथरस केस मेें सीबीआई की एंट्री हो चुकी है। खबर ये है कि अब इस में ईडी भी शामिल हो सकती है। बिते दिनों सरकार ने खुलासा किया था कि वेबसाइट के जरिए कुछ लोग उत्तरप्रदेश में दंगा भड़काने के लिए पैसे इकट्ठा कर रहे हैं। पैसे के एंगल को लेकर ईडी जांच करेगी।

भारत के हर राज्य में हाथरस बसा हुआ है। हाथरस की तरह ही देश में रोजाना लड़कियां हैवानियत का शिकार होती है। जुल्म के इस अंधेरे में इंसाफ की उम्मीद न करने वाली लड़कियां चुप हो जाती है, तो वहीं उम्मीद का चिराग लिए कुछ लोग सामने आत हैं और मरते दम तक लड़ते हैं। इसी तरह की कहानी हाथरस पीड़िता की भी है। परिवार कई मुश्किलों के बाद भी इंसाफ की लड़ाई लड़ने के लिए समाने आया।

हाथरस का परिवार अपने लिए जब खुद सामने आया तो पुरा देश उनके साथ खड़ा हो गया। इस कांड के बाद देशभर में लोगों का गुस्सा फुटने लगा।

सीबीआई जांच की मांग उठने लगी। जनता की ताकत और परिवार के दृढ संकल्प के सामने योगी सरकार ने सीबीआई जांच का आदेश दे दिया।

हाथरस कांड को लेकर आए दिन कई खुलासे हो रहे हैं। सोमवार को योगी सरकार ने दावा किया था कि, कुछ देश विरोधी लोग हाथरस कांड की आड़ में उत्तरप्रदेश को जातिय दंगे की आग में झोंकना चाहते हैं। साथ ही इसमे सीएए के एंगल का भी जिक्र किया गया था।

सरकार ने दावा किया है कि  दंगा भड़काने के लिए रातों-रात जस्टिस फॉर हाथरस के नाम से एक वेबसाइट बनाई गई। इस पर फर्जी तरह से लोगों को जोड़ा गया।

सरकार ने कहा कि, दंगे के लिए पैसा भी जमा किया जा रहा था। ताकि उत्तरप्रदेश में दंगा भड़काया जाए और इससे सीएम योगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम खराब किया जाए।

सरकार ने इस में पैसों का जिक्र किया है इसलिए हाथरस कांड में सीबीआई के साथ अब ईडी में एंट्री लेने जा रही है। ईडी जांच करेगी की पैसा किससे और कैसे आया ?

ED के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह के मुताबिक, हाथरस की पुलिस ने एक वेबसाइट को लेकर केस दर्ज किया है। इसके बाद एजेंसी इसमें जांच का एंगल देखेगी। इस वेबसाइट के जरिए जस्टिस फॉर हाथरस के लिए मुहिम चलाई गई। सूत्रों का कहना है कि ऐसे में ईडी जल्द ही PMLA के तहत इसमें मामला दर्ज कर फंडिंग पर जांच शुरू कर सकती है। साथ ही जल्द ही कई गिरफ्तारियां देखने को मिल सकती हैं।

हाथरस की पुलिस ने इस मामले में सेक्शन 153A के तहत भी केस दर्ज किया है. इसी धारा में PMLA का सेक्शन भी लागू होता है। एक बार अगर ED इस मामले में जांच आगे बढ़ाती है तो विदेशी फंडिंग को लेकर कई बातें सामने आ सकती हैं। जिसमें वेब पॉर्टल के द्वारा किसे पैसा मिला, किसने दिया और कहां से आया, जैसी चीज़ों को परखा जाएगा।

इस दौरान कई ऐसी एजेंसियों की मदद ली जाएगी, जो आईपी एड्रेस खंगालने, ई-मेल आईडी, फोन नंबर, वेबसाइट, वेब लिंक जैसे तारों को जोड़ पाए। जो वेब प्लेटफॉर्म इस मामले में निशाने पर है वो मुख्य रूप से अमेरिकी बेस्ड है। 

इसी बीच मथुरा में  पीएफआई के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। यह चारों हाथरस जा रहे थे। इन चारों का संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से बताया जा रहा है।

दरअसल, मथुरा में गाड़ियों की चेकिंग की जा रही थी। इसी दौरान ये चारों दिल्ली नंबर प्लेट की गाड़ी से चेकिंग प्वाइंट पर पहुंचे। इनमें एक मल्लापुरम का रहने वाला है, जबकि बाकी मुजफ्फरनगर, बहराईच और रामपुर के रहने वाले हैं। पुलिस ने इन चारों के पास से मोबाइल, लैपटॉप और संदिग्ध साहित्य बरामद किया है।

हाथरस कांड को लेकर सीएम योगी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, “जिन्हें विकास अच्छा नहीं लग रहा है, वह जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं।” 

सीएम योगी के निशाने के बाद बसपा सुप्रिमों मायावती भी पिछे नहीं रहीं उन्होंने ट्वीट कर के लिखा, “हाथरस काण्ड की आड़ में विकास को प्रभावित करने हेतु जातीय व साम्प्रदायिक दंगा”

गौरतलब है कि यूपी के हाथरस में एक दलित युवती का गैंगरेप हुआ था, जिसके बाद दिल्ली में 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी। मौत के बाद जिस तरह यूपी पुलिस ने युवती का अंतिम संस्कार आनन-फानन में कर दिया।

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