Congress President Election : कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में बने हुए हैं अशोक गहलोत, मिल गई क्लीनचिट; जानिए राजस्थान से दिल्ली तक कांग्रेस में मचे घमासान की कहानी…

मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होने हैं।

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Ashok Gehlot
Ashok Gehlot

Congress President Election: राजस्थान से लेकर दिल्ली तक कांग्रेसी खेमे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर सियासत जारी है। मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। इससे पहले 30 सितंबर तक नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जानी है। इसी बीच कांग्रेस में सियासी घमासान तेज हो गया है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को भावी कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में माना जा रहा है, लेकिन वहीं, राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर भी पार्टी के अंदर खींचतान शुरू हो चुकी है।

अशोक गहलोत को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि वे दो नावों के बीच फंस चुके हैं। यानी गहलोत चाहते हैं कि वे कांग्रेस अध्यक्ष भी बनें और उनकी सीएम की कुर्सी भी किसी और के पास न जाए। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व की बात मानें, तो पता चलता है कि गहलोत किसी एक पद पर ही रह सकते हैं। वहीं, अब कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का भी नाम सामने आ गया है। हालांकि, कांग्रेस सूत्रों की मानें, तो अभी भी गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में बने हुए हैं। इसके साथ ही राजस्थान में हुए पार्टी के अंदर सियासी घमासान को लेकर अशोक गहलोत को क्लीनचिट मिल गई है।

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Congress President Election : Ashok Gehlot

Congress President Election : राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर है टकराव

दरअसल, अगर अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष बनते हैं, तो उन्हे मजबूरी में ही सही, राजस्थान में अपनी सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। शुरूआती जानकारी की बात करें, तो इसके लिए गहलोत कतई तैयार नहीं दिखे। उनके खेमे के विधायकों का कहना है कि वे चाहें तो सीएम भी कुछ दिनों तक बने रहें।

हालांकि, मामला अब कांग्रेस अध्यक्ष पद से ज्यादा सीएम की कुर्सी का हो गया है। राजस्थान में पार्टी के कुछ विधायकों और लोगों का कहना है कि अगर अशोक गहलोत अध्यक्ष बनते हैं, तो सचिन पायलट को सीएम बनाना चाहिए।

यह जगजाहिर है कि राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच छत्तीस का आंकड़ा है, यानी इन दोनों की आपस में नहीं बनती। इससे यह सवाल पैदा होता है कि आखिरकार फिर कौन होगा राजस्थान का सीएम? इसी बात को लेकर राजस्थान में कांग्रेसी विधायक दो खेमे में बंटे हुए नजर आते हैं।

एक गुट गहलोत का तो दूसरा पायलट का। हालांकि लगभग 90 विधायकों के समर्थन से यहां गहलोत मजबूत दिख रहे हैं, जबकि पायलट के पास महज 9 विधायक ही हैं।

Ashok gehlot and Sachin pilot
Ashok Gehlot and Sachin Pilot

वहीं, जब यह बात साफ हो गई कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें अपनी सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है, इसपर गहलोत खेमे के विधायकों की मांग होने लगी कि वे चाहते हैं कि जो भी राजस्थान का सीएम बने, वह उनके 90 विधायकों में से ही कोई हो। यानी जो भी सीएम बने, वह गहलोत का वफादार ही हो ना कि पायलट का।

सोनिया गांधी का निर्णय होगा सर्वमान्य- माकन

सोमवार को राजस्थान में सीएम की कुर्सी के लिए कांग्रेस के अंदर जबरदस्त सियासी घमासान देखा गया। अशोक गहलोत गुट के 90 विधायक अपनी मांग पर अड़े दिख रहे थे। उनका कहना था कि जो भी सीएम बनेगा, उन्हीं में से कोई होगा। हालांकि, इस बीच अगर हम सचिन पायलट गुट के विधायकों की बात करें, तो वे अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के कुछ विधायकों खासकर गहलोत गुट के विधायकों को यह भी डर है कि कहीं इनका फायदा बीजेपी न उठा ले।

वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अभी बीजेपी भी वेट एंड वॉच की स्थिति में है। इसी बीच दिल्ली से कांग्रेस के पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को जयपुर भेजा गया। जयपुर में इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस के विधायकों से वहां की स्थिति को समझने की कोशिश की। इसके बाद वे दिल्ली लौट आए।

वहीं, जयपुर से दिल्ली लौटने के बाद सोमवार देर शाम अजय माकन ने यह जानकारी दी कि कांग्रेस के 90 विधायकों का कहना है कि राजस्थान का जो भी सीएम बनेगा, उनके बीच से ही बनेगा। इसपर माकन ने उन विधायकों से कहा कि इसका जो भी निर्णय होगा, वह कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी लेंगी। यानी सोनिया गांधी का निर्णय सर्वमान्य होगा।

Sonia Gandhi and Ashok Gehlot
Sonia Gandhi and Ashok Gehlot

अशोक गहलोत को मिल गई क्लीनचिट

वहीं, राजस्थान से लौटने के बाद सोनिया गांधी को वहां की रिपोर्ट देने के लिए दोनों नेता 10 जनपथ पहुंचे। माकन ने सोनिया से मिलने के बाद बताया कि “हमने सोनिया गांधी को राजस्थान की स्थिति के बारे में सबकुछ बता दिया है। उन्होंने हमसे इसकी लिखित रिपोर्ट मांगी है। हम आज या फिर कल लिखित रिपोर्ट दे देंगे।”

मालूम हो कि विधायकों की पार्टी से बगावत और उचित व्यवहार न करने को लेकर गहलोत ने कांग्रेस हाईकमान से माफी भी मांग ली है। बताया जा रहा था कि उनके रवैये से सोनिया गांधी नाराज थीं। राजस्थान सीएम ने केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे से माफी मांग ली है। साथ ही उन्होंने विधायक दल की बैठक के साथ ही विधायकों की अलग मीटिंग बुलाने और उसके बाद हुई बगावत को गलती बताया है।

वहीं, अब मंगलवार को देर शाम खबर आई कि राजस्थान में कांग्रेस के बीच हुई घमासान को लेकर सोनिया गांधी को दी गई रिपोर्ट के बाद इसपर पार्टी नेतृत्व का फैसला आ गया है। बताया जा रहा है कि मामले में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अशोक गहलोत को क्लीनचिट दे दी है।

वहीं, अब राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शीर्ष नेतृत्व को जो गहलोत से नाराजगी थी, अब वह दूर हो गई है। क्लीनचिट मिलते ही कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में अब अशोक गहलोत तगड़े धावक बन गए हैं।

बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन वापस करने की तारीख 8 अक्टूबर है। 17 अक्टूबर को चुनाव होगा और इसके नतीजे 19 अक्टूबर को आएंगे। मिली जानकारी के अनुसार, पांच सांसदों ने चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री को पत्र भी लिखा है।

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