बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को एक सूची भेजी है जिसमें अधिवक्ताओं के 22 नामों को शामिल है ये वो लोग हैं जिनकी सिफारिश की गई है कि उन्हें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया जाए।

बॉम्बे हाईकोर्ट के पास 94 जजों की  संख्या है, जबकि 1 जून, 2020 तक रिक्त पदों की संख्या 25 हो जाए गई । इन 22 नामों में अधिवक्ता शामिल हैं जो बॉम्बे उच्च न्यायालय मे  प्रैक्टिस कर रहे हैं ।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में किसी व्यक्ति की नियुक्ति के नियम संविधान के अनुच्छेद 217 के तहत प्रदान किए जाते हैं। नियम इस प्रकार हैं: –

  1. कम से कम दस वर्षों तक भारत के किसी क्षेत्र में न्यायिक कार्यालय का कार्य किया हो ; या

2 कम से कम दस वर्षों के लिए एक उच्च न्यायालय का अधिवक्ता या उत्तराधिकार में दो या अधिक ऐसे न्यायालयों का अधिवक्ता रहा हो।

निम्नलिखित अधिवक्ताओं के नामों की सूची है जिन्हें अनुशंसित किया गया है:

अरुणा शांताराम पाई

एस जी डिग

जी ए सनप

संजय मेहारे

आर एन लड्ढा

संजीव प्रताप कदम

संदीप मार्ने

सुश्री शर्मिला उत्तमराव देशमुख

सचिंद्र भास्कर शेट्टी

कमल रश्मि खाटे

अमीरा अब्दुल रज़ाक

संतोष गोविंदराव चपलगांवकर

अनिकेत विनय देशमुख

सुश्री महाजन सुरेखा पंडितराव

शैलेश प्रमोद ब्रह्मे

संदीप हरेंडेरा पारिख

सोमशेखर सुंदरसेन

मार्कण्ड मनोहर अग्निहोत्री

अभय रामदास समरे

रणजीत दामोदर भुइभर

श्रीमती गौरी सुंदरसन वेंकटरामन

महेन्द्र माधवराव नेरलीकर

इन नामों को उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम के समक्ष रखा जाएगा, जिनमें सर्वोच्च न्यायालय के तीन वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल हैं, तब प्रत्येक उम्मीदवार पर इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के साथ अधिवक्ताओं के नामों पर विचार-विमर्श करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुमोदन पर प्रस्तावित उम्मीदवारों के नाम कानून और न्याय मंत्रालय को भेजे जाएंगे जो भारत के राष्ट्रपति को नाम भेजेंगे। राष्ट्रपति ने अपने हस्ताक्षर और मुहर के तहत नियुक्ति का वारंट जारी करेगे और उसके बाद इसे सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा, जिसके द्वारा प्रस्तावित उम्मीदवार बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद की शपथ लेने के लिए पात्र होंगे।

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