Balveer Giri ने महंत Narendra Giri को भू-समाधि दी। इस दौरान उनके सभी अंतिम क्रिया को निभाया। कथित सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को महंत Narendra Giri का उत्तराधिकारी बताया गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) को बाघंबरी मठ में समाधि दी गई। इस दौरान 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। साथ ही उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे।
Baghambri Math में दी गई भू समाधि
महंत नरेंद्र गिरि को प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ में भू-समाधि देने का काम बलबीर गिरि द्वारा किया गया क्योंकि महंत ने अपने कथित सुसाइड नोट में बलबीर गिरि को उत्तराधिकारी बताया था। भू-समाधि के दौरान शिष्य और संतों की आखों से असुओं की धारा बह रही थी। सभी की आंखे नम थी। हजारों की संख्या में लोग वहां पर मौजूद थे।
बाघंबरी मठ (Baghambri Math) में महंत नरेंद्र गिरि को संत समाज के रीति रिवाजों के तहत भू समाधि दी गयी। उन्हें बैठी हुई मुद्रा में समाधि दी गयी। मठ में बड़ी संख्या में इस दौरान साधु-संत मौजूद रहे। भू समाधि से पहले महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को संगम ले जाया गया। संगम में महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को स्नान कराया गया।
नींबू के पेड़ के नीचे भू समाधि
बता दें कि अपने सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी समाधि स्थल का भी जिक्र किया था। महंत नरेंद्र गिरि संत परंपरा में थे लिहाजा उन्होंने बाघम्बरी मठ में ही अपना समाधि स्थल बनाने की इच्छा जताई थी। उन्होंने लिखा था कि मठ के अंदर पहले से उनके पहले के मठाधीश महंत बलदेव गिरि का समाधि स्थल है। वहां एक नींबू का पेड़ है जहां उन्हें समाधि दी जाये।
जिस नींबू के पेड़ को महंत नरेंद्र गिरी ने लगाया था, ठीक उसी के नीचे उन्हें बुधवार को भू समाधि दी गई। समाधि देने के लिए नींबू के पेड़ के पास एक चौकोर सा गहरा गड्ढा खोदा गया था। गड्ढे की एक दीवार को खोदकर एक छोटा सा कमरा बनाया गया था। यहीं पर नरेंद्र गिरी ब्रह्मलीन हुए। इस प्रक्रिया को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था। समाधि के वक्त चारों ओर चादर से पर्दा कर दिया गया।
अंत में किया गया शृगांर
समाधि स्थल पर नमक के बोरे बिछाए गए थे। समाधि से पहले नरेंद्र गिरी के कपड़े बदले गए, जिसके लिए स्थल को चारों तरफ से कपड़े से ढक दिया गया था। फिर शास्त्र विधि के अनुसार महंत के शरीर का शृंगार किया गया। इसके बाद समाधि की प्रक्रिया पूरी की गई।
बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad ) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की 20 सितंबर को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी और उनका शव उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ के कमरे में पंखे से लटका मिला था। शव के पास मिले सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि (Anand Giri) समेत कई लोगों के नाम थे। नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट के साथ एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें उन्होंने आनंद गिरि का नाम लिया है साथ ही सुसाइड नोट में लिखी बातों को विस्तार में बताया है।
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