अमेरिकी सदन की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी पेश करने जा रही है। बता दें कि सांसद एलिजाबेथ वारन के बाद 37 वर्षीय गबार्ड डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की दूसरी महिला दावेदार हैं। इसके अलावा 2020 में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को चुनौती देने के लिए अब तक 12 से ज्यादा डेमोक्रेटिक नेताओं ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी ठोकी है। हवाई से अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में चार बार की डेमोक्रेट सांसद गबार्ड ने शुक्रवार को सीएनएन को बताया कि मैंने चुनाव में खड़ा होना तय किया है और अगले हफ्ते के अंदर-अंदर औपचारिक घोषणा कर दूंगी।

अगर तुलसी ट्रंप के खिलाफ डेमोक्रेट उम्मीदवार चुनी जाती हैं और चुनाव जीत जाती हैं तो वे अमेरिका की सबसे युवा और पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। वे अमेरिका की पहली गैर-ईसाई और पहली हिंदू राष्ट्रपति भी होंगी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोगों के सामने भी बहुत सारी चुनौतियां हैं, जिनके बारे में मुझे चिंता है और जिन्हें मैं हल करने में मदद करना चाहती हूं। यहां एक सबसे बड़ा मुद्दा युद्ध और शांति का है।

गबार्ड का जन्म अमेरिका के समोआ में एक कैथोलिक परिवार में हुआ था। उनकी मां कॉकेशियन हिंदू हैं। इसी के चलते तुलसी गबार्ड शुरुआत से ही हिंदू धर्म की अनुयायी रही हैं। सांसद बनने के बाद तुलसी पहली सांसद थीं, जिन्होंने भगवत गीता के नाम पर शपथ ली थी। हालांकि, उम्मीदवार बनने के लिए भी तुलसी को प्रायमरी चुनावों में जीत हासिल करनी होगी, जहां उनका मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी के कम से कम 12 सांसदों के साथ होगा। उनसे पहले डेमोक्रेटिक सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन भी दावेदारी पेश कर चुकी हैं। भारतीय मूल की कमला हैरिस (54) भी दावेदार बनने की दौड़ में हैं। पार्टी पर उनकी तुलसी से ज्यादा पकड़ मानी जाती है। कमला ईसाई हैं। उनकी मां तमिल थीं।

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