भारत सरकार द्वारा देशभर के नौकरीपेशा वाले लोगों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उनके वाहनों के पंजीकरण के लिये एक साल पहले शुरू की गई नई भारत श्रृंखला (BH-Series) को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. परिवहन विकास परिषद की सालाना बैठक के ब्योरे से यह जानकारी मिली.
बीएच श्रृंखला कार्यान्वयन के दायरे को और बेहतर बनाने के साथ-साथ इसके विस्तार के लिए, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कुछ प्रमुख विशेषताओं के साथ नए नियम प्रस्तावित किए हैं:
1. बीएच सीरीज (BH-Series) पंजीकरण चिह्न वाले वाहनों को अन्य व्यक्तियों को, जो बीएच सीरीज के लिए पात्र हैं या पात्र नहीं हैं, स्थानांतरित करने की सुविधा प्रदान की गई है.
2. वर्तमान में नियमित पंजीकरण चिह्न वाले वाहनों को भी आवश्यक टैक्स के भुगतान के बाद बीएच श्रृंखला पंजीकरण चिह्न में परिवर्तित किया जा सकता है, ताकि बाद में बीएच श्रृंखला पंजीकरण चिह्न के लिए पात्र होने वाले व्यक्तियों को सुविधा मिल सके.
3. नागरिकों के जीवन को और आसान बनाने के लिए, निवास स्थान या कार्य स्थल पर बीएच श्रृंखला (BH-Series) के लिए आवेदन जमा करने का विकल्प देने हेतु नियम 48 में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है.
4. दुरुपयोग को रोकने के लिए निजी क्षेत्र के कर्मचारियों द्वारा दिए जाने वाले कार्य प्रमाण पत्र को और सशक्त बनाया गया है.
वाहनों के दोबारा पंजीकरण से मुक्ति
26 अगस्त 2021 को केंद्र सरकार ने वाहनों के पंजीकरण की नई व्यवस्था (BH-Series) को गजट अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया गया था. इस व्यवस्था के तहत वाहन मालिकों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने या फिर वहां स्थानांतरित होने पर वाहनों के दोबारा पंजीकरण से मुक्ति मिलती है.
पिछले महीने बेंगलूरु में आयोजित की गई परिवहन विकास परिषद की 41वीं बैठक के ब्योरे के अनुसार ‘BH-Series नीति की शुरुआत के बाद से 24 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 20,000 वाहन पंजीकृत हुए हैं.’
क्या है भारत सीरीज योजना?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले साल 28 अगस्त को भारत सीरीज को लेकर रूल्स जारी किए थे वहीं 15 सितंबर 2021 से गैर-परिवहन वाहनों के लिए नई लॉन्च की गई BH-Series (भारत-सीरीज) नंबर प्लेट के तहत वाहन पंजीकरण शुरू किया था.
इस सीरीज के नंबर प्लेट का सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा, जिनका ट्रांसफर किसी अन्य राज्य होता रहता है. ऐसे अगर आप सिर्फ एक बार ‘बीएच सीरीज’ का नंबर रजिस्ट्रेशन करवा लेंगे तो, उन्हें दूसरे राज्यों में ट्रांसफर होने के बाद भी बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
आसान शब्दों में समझे तो भारत जैसे बड़े देश में रक्षा और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को हर 2-3 साल में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना पड़ता है, जिससे उनके लिए हर बार नया नंबर खरीदना मुश्किल हो जाता है. इसे खत्म करने के लिए बीएच सीरीज नंबर प्लेट को पेश किया गया है, जिसके लिए हर बार मालिक के दूसरे राज्य में जाने पर नए पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती है.
क्यो पड़ी जरूरत?
भारत सीरीज से पहले मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 47 के अनुसार, वाहन मालिकों को केवल 12 महीने के लिए अपने वाहन को दूसरे राज्य (जिस राज्य में वे पंजीकृत हैं से अलग) में रखने की अनुमति थी. इस अवधि के बाद वाहन का पंजीकरण नए राज्य में स्थानांतरित करना पड़ता था. लेकिन भारत सीरीज नंबर प्लेट पूरे देश में मान्य रहेगी.
बीएच नंबर प्लेट
बीएच नंबर प्लेट दिखने में सामान्य नंबर प्लेट के जैसी ही है – सफेद बैकग्राउंड पर काले अक्षर. लेकिन पारंपरिक नंबर प्लेटों के उलट, BH सीरीज की प्लेटें दो अंकों से शुरू होती हैं, उसके बाद BH, फिर चार अंक और फिर दो अक्षर होते हैं.
कैसी होगी पंजीकरण प्लेट
YY BH #### XX
YY – पंजीकरण का वर्ष
BH- भारत सीरिज के लिए कोड
#### 0000 से 9999 (क्रमरहित तरीके से)
XX – वर्णमाला (AA से ZZ तक)
उदाहरण के लिए यदि एक बीएच सीरीज नंबर प्लेट को पढ़ना है तो ऐसे समझें. 22 BH 0001 DD – इसका मतलब है कि वाहन का पंजीकरण साल 2022 में किया गया था, ‘BH’ भारत के लिए है, ‘0001’ वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर है और ‘DD’ वाहन श्रेणी के लिए है.
किनको मिलेगा फायदा
‘भारत सीरिज (बीएच-सीरिज)‘ के तहत वाहन पंजीकरण की यह सुविधा स्वैच्छिक आधार पर रक्षा कर्मचारियों, केंद्रीय सरकार / राज्य सरकार / केंद्रीय / राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों / संगठनों, जिनके चार या अधिक राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालय हैं, को उपलब्ध होगी.
योजना के ओर क्या है फायदे
योजना के तहत मोटर वाहन कर दो वर्षों के लिए या दो के मल्टीपल में लगाया जाएगा. यह स्कीम किसी नए राज्य / केंद्र शासित प्रदेश में स्थानांतरण पर भारत के सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में व्यक्तिगत वाहनों की मुक्त आवाजाही को सुगम बनाएगी. 14वें वर्ष की समाप्ति पर मोटर वाहन कर वार्षिक रूप से लगाया जाएगा जो उस राशि का आधा होगा जो पहले उस वाहन के लिए वसूल की गई थी.
बीएच सीरीज नंबर प्लेट कैसे मिलेगी?
योजना के अनुसार बीएच सीरीज नंबर प्लेट को लेने के लिए आपको ऑनलाइन अप्लाई करना पड़ेगा. वाहन पोर्टल के माध्यम से खरीद के समय डीलर द्वारा वाहनों को ऑनलाइन पंजीकृत किया जा सकता है. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वाहन मालिक बीएच सीरीज की नंबर प्लेट मिल जाएगा.
एक्सप्रेसवे पर रफ्तार बढ़ाने को लेकर भी मंथन
बैठक में इस बात को लेकर भी चर्चा की गई की सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा को 140 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर क्या किया जा सकता है. पिछले दिनों सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि चार लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की गति सीमा कम-से-कम 100 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए जबकि दो लेन वाला सड़कों और शहर की सड़कों के लिये गति सीमा क्रमश: 80 किमी प्रति घंटा और 75 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए.