“देश में फैलाया जा रहा है नफरत का जहर”, जानिए कार्यकारणी बैठक में और क्या बोला मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड?

मकानों को बुलडोजर से जमीनदोज कर दिया जा रहा है।

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AIMPLB Meeting
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AIMPLB Meeting: रविवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड(AIMPLB) की कार्यकारणी की बैठक हुई। इस दौरान बोर्ड ने कई प्रस्ताव पास किए और देश की स्थिति पर अपने विचार रखे। इस बैठक में देश भर से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य भी शामिल हुए। बैठक में पास प्रस्ताव में कहा गया “देश में नफरत का जहर घोला जा रहा है, जो देश के लिए नुकसान देने वाला है!”

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AIMPLB Meeting: नफरत की आग को बुझाने की करें कोशिश- बोर्ड

रविवार को लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक हुई। बैठक बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई। इसमें कई फैसले लेकर प्रस्ताव पारित किए गए। इस दौरान बोर्ड ने सबसे पहले कहा “बैठक महसूस करती है कि देश में नफरत का जहर घोला जा रहा है जो देश के लिए नुकसानदेह है!”

बोर्ड ने अपने प्रस्ताव में आगे कहा “यहां सदियों से हर धर्म के मानने वाले, विभिन्न जबानों और सभ्यताओं से संबंध रखने वालों ने देश की खिदमत की है। देश को आगे बढ़ाने में सब ने बराबर का हिस्सा लिया है। अगर यह भाईचारा खत्म हो गया तो देश का बड़ा नुकसान होगा। इसलिए यह बैठक हुकूमत(सरकार), मजहबी रहनुमाओं, दानिश्वरों, कानून दानों, सियासी रहनुमाओं और मीडिया के लोगों से अपील करता है कि नफरत की इस आग को बुझाने की कोशिश करें।”

समान नागरिक संहिता को लागू करना होगा अलोकतांत्रिक- मुस्लिम बोर्ड
बैठक के बाद बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी की ओर से जारी बयान में कहा गया “बोर्ड की यह बैठक मुसलमानों को यह याद दिलाती है कि मुसलमान का मतलब अपने आपको अल्लाह के हवाले करना है, इसलिए हमें पूरी तरह शरीअत पर अमल करना है।”

वहीं, समान नागरिक संहिता पर भी बोर्ड ने अपने प्रस्ताव में कहा “देश के संविधान में बुनियादी अधिकारों में हर शहरी को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी दी गई है, इसमें पर्सनल लॉ शामिल है। इसलिए सरकार से अपील है कि वह आम नागरिकों की मजहबी आजादी का भी ख्याल रखे और समान नागरिक संहिता(यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करना अलोकतांत्रिक होगा।”

बोर्ड ने कहा कि देश में किसी को कानून अपने हाथों में लेने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। बोर्ड ने आगे कहा “बदकिस्मती है कि इस समय देश में ला-कानूनियत का माहौल बन रहा है। मॉब लिंचिंग हो रही है, मुस्लिम पर गुनाह साबित होने से पहले उसको सजा देने की कोशिश की जा रही है।”

मुसलमान अधिक से अधिक बनाए अपना शैक्षिक संस्थान- बोर्ड
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा “जो मकान दसियों साल पहले बने हुए हैं, जो सरकार और प्रशासन की नजरों के सामने बने, कानून के हिसाब से बने, उनको बुलडोजर से जमीनदोज कर दिया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन करने का संवैधानिक हक होने के बावजूद शांति से अपनी बात रखने वालों के खिलाफ संगीन दफे के अंदर केस दर्ज कर लिए जाते हैं।”
बोर्ड ने शैक्षिक संस्थानों पर भी बनी बात कही। बोर्ड ने कहा “यह बैठक मुसलमानों से अपील करती है कि अधिक से अधिक अपने शैक्षिक संस्थान कायम करें जहां पर मार्डन शिक्षा के साथ-साथ अपनी सभ्यता और संस्कृति की सुरक्षा को भी यकीनी बनाया जा सके।”

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