राजद नेता और पूर्व सासंद प्रभुनाथ सिंह को हजारीबाग कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व विधायक अशोक सिंह की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह के साथ उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 40-40 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

कोर्ट के इस फैसले से नाखुश प्रभुनाथ सिंह के भाई केदारनाथ सिंह ने कहा कि वे हाइकोर्ट जायेंगे, उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है। 22 साल पुराने इस मामले में दिवंगत विधायक अशोक सिंह का परिवार आरोपियों को फांसी की सजा चाहता था। सुनवाई के दौरान कोर्ट के बाहर भारी संख्या में प्रभुनाथ के समर्थक जुटे थे।

इस फैसले से अशोक सिंह का परिवार काफी संतुष्ट दिखा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि इस मामले में प्रभुनाथ को फांसी की सजा दी जानी चाहिए थी, लेकिन अगर उम्रकैद भी हुई है तो इससे वे काफी संतुष्ट हैं।

कौन है प्रभुनाथ सिंह?PrabhuNath

पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल (यूनाइटेड) से की थी। प्रभुनाथ सिंह पहली बार जदयू से महराजगंज के सांसद बने थे। 2009 में प्रभुनाथ राजद में शामिल हो गए थे। प्रभुनाथ सिंह एक समय में बिहार के मुख्यमंत्री  नितीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते थे। प्रभुनाथ की पहचान हमेशा दबंग नेता के रूप में रही है। प्रभुनाथ सिंह और उनके समर्थकों का कहना है कि बिहार में सरकार किसी की भी हो, सारण के सीएम प्रभुनाथ सिंह ही हैं।

1995 में हुई थी अशोक सिंह की हत्या

अशोक सिंह मशरक के विधायक थे, जिनकी हत्या करा दी गयी थी जिसका आरोप प्रभुनाथ सिंह पर लगा था। अशोक सिंह जनता दल से विधायक थे। 28 दिसंबर, 1991 को मशरक के जिला परिषद काम्प्लेक्स में उन पर गोलियों से ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी थी, जिसमें वे तब बिल्डिंग में छिप कर किसी तरह बच गये थे, लेकिन कुछ साल बाद 1995 में पटना स्थित उनके आवास पर उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गयी। इसका आरोप प्रभुनाथ सिंह सहित अन्य लोगों पर लगा था। इस मामले में पटना सचिवालय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।

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