भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने आधुनिक युग की भाजपा यानि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सेना को स्वच्छ राजनीति करने की सलाह दी है। धीरे-धीरे खत्म होती जा रही लोकतंत्र की मर्यादा को बचाने के लिए और उसके सम्मान के लिए आडवाणी ने यह सलाह दी है। दअरसल, जैसे-जैसे युग आधुनिक होता जा रहा है चुनाव और चुनावी तैयारियां भी आधुनिक होती जा रही हैं। आधुनिकरण के इस दौर में लोकतंत्र की गरिमा को राजनेता भूलते जा रहे हैं। चुनावी माहौल में पक्ष-विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप तो पहले भी लगाते थे लेकिन आजकल के नेता एक-दूसरे का अपमान करने का मौका तलाशते हैं। आजकल के नेता भूल जाते है कि किसी भी नेता का अपमान करना या आपत्तिजनक बातें बोलने से लोकतंत्र का भी अपमान होता है।
देश में इस वक्त चुनावी माहौल है और पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे है और नेताओं के बिगड़ेबोल का भी दौर जारी है। राहुल गांधी हो या अखिलेश यादव, मायावती हो या खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी, बड़े-बड़े नेता एक-दूसरों के खिलाफ विवादस्पद बयान देते जा रहे हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ऊपर तंज कसते हुए कहा कि “हमारा देश वर्षों से एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री के हाथ में था और इस दौर में कई घोटाले हुए लेकिन डॉ साहब पर एक आंच तक नहीं आई। अब बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की कला तो डॉ साहब को ही आती होगी”। इस बयान के बाद कांग्रेस ने संसद से वॉकआउट कर दिया और संसद के बाहर प्रधानमंत्री से मांफी मांगने की मांग की। प्रधानमंत्री पहले भी अपने मजाक करने के अंदाज में नेताओं का अपमान करते आए है। प्रधानमंत्री के साथ-साथ विपक्षी नेता भी कम नहीं है वे भी समय-समय पर आपमनजनक बातें बोलते आए हैं।
आडवाणी की नसीहत से भाजपा को सीख लेनी चाहिए। आडवाणी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं खुद सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बात करुंगा। उन्होंने कहा कि पहले राजनीति का स्तर काफी उंचा था। अटल बीहारी बाजपेयी जब लखनऊ से चुनाव हारे थे तो वह जीते हुए विपक्षी नेता के घर मिठाई लेकर गए थे। राजीव गांधी भी अटल जी का सम्मान करते थे। 1971 में जब भारत ने पाकिस्तान से युद्ध जीता था तब भी अटल जी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा का रुप कहा था । राजनीति का स्तर आज भी ऐसा ही होना चाहिए।