उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भले ही सूबे में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के तमाम वायदें करते हो लेकिन प्रदेश में रेप और छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाएं इन दावों की पोल खोल रही हैं। नोएडा से गुरु-शिष्य के रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। नोएडा में एक 9वीं कक्षा की छात्रा ने दो शिक्षकों से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया। हर रोज हेरेसमेंट से परेशान होकर छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।

16 मार्च को आए परीक्षा परिणाम में उन दोनों अध्यापकों ने छात्रा को दो सब्जेक्ट में फेल कर दिय। इसी के चलते छात्रा ने मंगलवार को उस वक्त रेलिंग से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जब वह घर में अकेली थी। पुलिस ने छात्रा के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।

छात्रा के परिजनों ने दो अध्यापकों और स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का आरोप है कि स्कूल के दो मेल टीचर उनकी बेटी के साथ गलत नियत से छेड़छाड़ करते थे। उसे फेल करने की धमकी देते थे। इन दोनों अध्यापकों ने उनकी बेटी को दो सब्जेक्ट में फेल कर दिया था। जिससे वह तनाव में थी और छात्रा ने अपने पिता से कहा था कि वे दोनों टीचर उसे पास नहीं होने देंगे। इसी के चलते उनकी बेटी ने आत्महत्या की है।

बता दें कि 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा अपने के परिवार के साथ नोएडा के सेक्टर-52 जीबी में रहती थी। वह एलकॉन पब्लिक स्कूल में पढ़ती थी। मृतका के माता-पिता ने बताया कि उनकी बेटी नौवीं क्लास में एक बार फेल हो चुकी थी।

हालांकि नोएडा पुलिस को छात्रा के शव के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

उधर, नोएडा पुलिस ने इस मामले के पहले जांच अधिकारी को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। उसने शिकायत दर्ज करते हुए उसमें छेड़छाड़ के आरोप को शामिल नहीं किया था। अब मामले की जांच दूसरे अधिकारी को सौंपी गई है।

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