इस साल T20 क्रिकेट में किस टीम का प्रदर्शन रहा निराशाजनक, क्यों Bio-bubble और Franchise क्रिकेट पर उठने लगे सवाल?

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क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह साल बहुत उत्साहवर्धक नहीं रहा। दुनिया भर में कोरोना संकट के कारण कम ही मैच हो पाए। हालांकि T20 विश्व कप को लेकर लोगों में उत्साह देखा गया। लेकिन दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों की नजर जिस टीम पर थी उसने निराश ही किया।

इस साल T20 क्रिकेट में सबसे ज्यादा निराश करने वाली टीम West Indies रही। टी20 और उसके बाद वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई। जिस वेस्टइंडीज टीम को खेल प्रेमी जानते हैं वो इस साल मुख्य टूर्नामेंट में बिखर गई। इस साल टी20 में वेस्टइंडीज टीम का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप 2022 के लिए दो बार की चैंपियन टीम को क्वालीफायर राउंड खेलना होगा।

सितारों से सजी थी वेस्टइंडीज की टीम

अगर इस टीम को कोई देखे तो यह नहीं कह सकता है कि यह टीम विश्व कप नहीं जीत सकती है। इस टीम में एक से एक विजेता शामिल थे। लगभग 6 सालों से रवि रामपॉल जो टीम से बाहर थे, उन्हें भी इस वर्ल्ड कप में जगह दी गयी। वहीं बल्लेबाजी में एक से एक धुरंधर शामिल थे। क्रिस गेल, कीरोन पोलार्ड, निकोलस पूरन, आंद्रे रसल, हेटमायर और ऐसे कई नाम शामिल थे, जो अकेले मैच का रुख बदल सकते थे। लेकिन इस वर्ल्ड कप में सभी बल्लेबाज फिसड्डी साबित हुए और कभी बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर सकी।

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पूरे वर्ल्डकप में बल्लेबाजों ने किया निराश

इस वर्ल्ड कप में बहुत मुश्किल से वेस्टइंडीज के कुछ बल्लेबाजों के बल्ले से ही कुछ रन निकले होंगे। बाकी के बल्लेबाज रन बनाने के लिए जूझते रहे। वेस्टइंडीज टीम के मात्र 3 बल्लेबाज ही वर्ल्ड कप में 100 से अधिक रन बना पाए। इस वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के लिए हेटमायर ने सबसे ज्यादा 127 रन बनाए। एविन लुईस ने 105 और पूरन ने 103 रन बनाए।

इस वर्ल्ड कप में सितारों से सजी टीम जब पहला मैच खेलने उतरी तो मात्र 55 रनों पर ही ऑल आउट हो गई। दूसरे मैच में भी बल्लेबाजों का वही हाल रहा। नतीजा यह रहा कि वेस्टइंडीज को दूसरा मैच भी गंवाना पड़ा। तीसरे मैच में किसी तरह वेस्टइंडीज की टीम ने बांग्लादेश को हारकर मुकाबले को 3 रनों से जीत लिया। चौथे मैच में भी वेस्टइंडीज का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा। इस मैच में पूरन और हेटमायर के बल्ले से रन निकले। नतीजा यह हुआ की श्रीलंका ने इस मैच को 20 रनों से जीत लिया। अंतिम मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी हार का सामना करना पड़ा।

गेंदबाजी में नहीं दिखी वो धार

वेस्टइंडीज एक समय में अपनी गेंदबाजी के लिए जानी जाती थी। वेस्टइंडीज में कई ऐसे गेंदबाज हुए हैं जिनके सामने अच्छे-अच्छे बल्लेबाज फीके पड़ जाते थे पर इस विश्व कप में बल्लेबाजी की तरह गेंदबाजी भी फीकी रही। टी20 वर्ल्ड कप में ड्वेन ब्रावो जैसे गेंदबाज भी विकेट के लिए तरसते दिखे। अंत मे वर्ल्ड कप के दौरान ही ड्वेन ब्रावो को संन्यास लेना पड़ा। 6 साल बाद टीम में शामिल किए रवि रामपॉल की गेंद में वो धार ही नहीं देखने को मिली जिसके लिए वो जाने जाते थे। आंद्रे रसल भी अपना योगदान देने में नाकाम रहे।

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बायो बबल और फ्रेंचाइजी क्रिकेट भी रहा हार का मुख्य कारण

जब से कोरोना का दौर शुरू हुआ तब से खिलाड़ियों को बायो बबल में रहना पड़ रहा है। बायो बबल में रहना खिलाड़ियों के लिए सबसे ज्यादा कठिन काम है। वहीं वेस्टइंडीज के खिलाड़ी पूरी दुनिया में टी20 फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलते रहते हैं इस लिहाज से उन्हें सबसे ज्यादा बायो बबल में रहना पड़ा होगा। पिछले 3-4 महीने में वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने खूब क्रिकेट खेला। जितने टूर्नामेंट में भाग लिया उनको उतना ही बायो बबल का सामना करना पड़ा। आईपीएल से पहले वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने सीपीएल में हिस्सा लिया। उसके बाद आईपीएल और टी20 वर्ल्ड में भी भाग लिया। बायो बबल का असर ऐसा रहा कि विजेता टीम इस वर्ल्ड कप में फिसड्डी साबित हुई। हार का मुख्य कारण ये भी रहा कि सब खिलाड़ियों ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ज्यादा तवज्जो देना शुरू कर दिया और अगर ऐसा ही चलता रहा तो खिलाड़ी फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ज्यादा फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलते ही दिखेंगे।

वेस्टइंडीज ने सबसे ज्यादा निराश पूरी दुनिया के दर्शकों को किया

वेस्टइंडीज की टीम जब भी खेलती है तो एक अलग ही पहचान बना लेती है। वेस्टइंडीज की शैली ही कुछ ऐसी है कि दर्शकों को कभी बोर नहीं होने देती है। वेस्टइंडीज के फैंस लगभग सभी देश मे मौजूद हैं। वेस्टइंडीज के खिलाड़ी पूरे विश्व में घूम-घूम कर टी20 लीग मैच खेलते हैं और जहां जाते हैं वहां के दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करते हैं लेकिन इस बार वर्ल्ड कप में ऐसा नहीं हो सका। वेस्टइंडीज की टीम ने अपने लचर प्रदर्शन से ना जाने कितने फैंस का दिल दुखाया होगा। 2012 और 2016 की चैंपियन टीम को ऐसी हार का सामना करना पड़ा कि टीम की रैंकिंग नीचे चली गयी। अब वेस्टइंडीज को 2022 में होने वाले वर्ल्ड कप में पहले क्वालीफायर मुकाबला खेलना होगा उसके बाद ही वो सुपर 12 में अपनी जगह बना सकती है। उम्मीद की जा रही है कि अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज की टीम चैंपियंस की तरह खेलेगी और अपने फैंस और दर्शकों को निराश नहीं करेगी।

(लेखक: उज्जवल कुमार सिन्हा खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट सहित अन्य मुद्दों पर अच्छी पकड़ रखते हैं। इन्होंने पत्रकारिता के साथ-साथ खेल के मैदान पर भी नाम कमाया है।)

(डिस्क्लेमर :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति APN न्यूज उत्तरदायी नहीं है.)

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