PM Modi की बात नहीं मान, लड़ा चुनाव, फतेहपुर सीट में तीसरे नंबर पर जद्दोजहद कर रहे Kripal Parmar, सीट बचानी मुश्किल

Kripal Parmar : कृपाल परमार ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उनसे फोन करके कहा चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा था। उन्होंने बताया था पीएम मोदी ने उनसे कहा, "मेरी बात सुन लें… मेरा तुम पर हक है… इस फोन की कीमत कम मत आंकना"।

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Kripal Parmar in Himachal Election 2022
Kripal Parmar

Kripal Parmar: हिमाचल प्रदेश के चुनाव से ऐन पहले एक ऐसे प्रत्‍याशी ने सुर्खियां बटोरीं थीं, जो प्रधानमंत्री के कहने के बावजूद चुनावी समर में कूद पड़ा था।ताजा अपडेट के अनुसार भाजपा से बागी होकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हिमाचल प्रदेश के कृपाल परमार फतेहपुर सीट से पीछे चल रहे हैं। यहां से भाजपा के घोषित उम्मीदवार फिलहाल आगे हैं। कांग्रेस यहां भाजपा से नजदीक के मुकाबले में है।भाजपा के पूर्व सांसद परमार उन बागियों में से हैं, जिन्होंने पहाड़ी राज्य में भाजपा को जीत से पीछे खींच लिया है।हिमाचल प्रदेश ने अब तक पारंपरिक रूप से किसी भी पार्टी को दूसरे कार्यकाल से वंचित रखा है। 63 वर्षीय निर्दलीय उम्मीदवार निर्वाचन क्षेत्र में तीसरे नंबर पर संघर्ष कर रहे हैं।

कृपाल परमार ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उनसे फोन करके कहा चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा था। उन्होंने बताया था पीएम मोदी ने उनसे कहा, “मेरी बात सुन लें… मेरा तुम पर हक है… इस फोन की कीमत कम मत आंकना”। परमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कम नहीं है, यह मेरे लिए भगवान का आदेश है.. अगर फोन दो दिन पहले आता तो कुछ हो जाता.. इसके बाद मोदी जी ने शुक्रिया कहकर फोन काट दिया था।

Kripal Parmar news hindi.
Kripal Parmar in Himachal Pradesh.

Kripal Parmar: उपचुनाव में टिकट नहीं मिलना थी नाराजगी की वजह

Himachal Pradesh Election 2022 top news.
Himachal Pradesh Election 2022.

Kripal Parmar: कृपाल परमार पिछले साल से ही भाजपा से नाराज चल रहे हैं। फतेहपुर उपचुनाव में टिकट नहीं मिलना नाराजगी की मुख्य वजह थी। कृपाल परमार ने बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा पर भी कई आरोप लगाए थे। उन्‍होंने यहां तक कह डाला था कि नड्डा के पास जाता था, एक साथ पढ़ें हैं। एक साथ कमरों में रहे हैं। साल 2017 से पता नहीं क्या हुआ… मेरे दोस्त दुश्मन हो गए। मेरा मजाक बनाया जाने लगा। जिनसे मैं हारा था उनका निधन हो गया था। सीट पर उपचुनाव हुआ, जो मेरे खिलाफ लड़ा था उसे टिकट दे दिया गया। नड्डा जी ने कहा चुनाव नहीं लड़ना है। मैंने नहीं लड़ा…. मैंने जब कोई विरोध नहीं किया,लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुआ, मुझे फोन आया की पदाधिकारियों की बैठक में आप नहीं आएंगे.. ये ऊपर से आदेश है।

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