अब आर्ट्स और कॉमर्स में भी पा सकेंगे बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री, UGC जल्द जारी कर सकता है अधिसूचना

UGC: नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यूजीसी की ओर से गठित की गई कमेटी ने आर्ट्स समेत कई अन्य विषयों में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री देने की सिफारिश की है। यूजीसी जल्द ही इससे जुड़ी अधिसूचना जारी कर सकता है।

0
57
UGC News
UGC News

UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अब नए-नए नामों से कॉलेज डिग्री देने पर विचार कर रहा है। नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत यूजीसी की तरफ से डिग्री नामकरण की समीक्षा करने के लिए गठित समिति ने इसकी सिफारिश की है। इसके साथ ही, नए चार वर्षीय स्नातक डिग्री कार्यक्रम को बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) की डिग्री के तौर पर भी पेश किया जा सकता है।

इसके तहत विद्यार्थी आर्ट्स, मानविकी, प्रबंधन और कॉमर्स श्रेणी से बैचरल आफ साइंस (बीएस) डिग्री कोर्स कर पाएंगे। यूजीसी अब आर्ट्स, मानविकी और प्रबंधन जैसे विषयों में विज्ञान स्नातक (बीएस) की डिग्री के साथ कॉलेज डिग्री नामों से एक नई श्रृंखला पेश करेगा।

ugc copy fotojet min

UGC: मौजूदा व्यवस्था से कैसे अलग होगी नई व्यवस्था?

फिलहाल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विश्वविद्यालयों को कला, मानविकी और सामाजिक विज्ञान में कला स्नातक (बीए) की डिग्री प्रदान करने की अनुमति देता है। वहीं विज्ञान स्नातक (बीएससी) की डिग्री आमतौर पर विज्ञान विषयों के लिए होती है। विश्वविद्यालय कला, मानविकी, प्रबंधन और वाणिज्य जैसे विषयों के लिए भी एक और दो वर्षीय स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) नाम को अपना सकते हैं। हालांकि समिति ने सभी विषयों में डिग्री के लिए बीएस नाम का उपयोग करने की सिफारिश की है।

इसके अलावा समिति ने विज्ञान कार्यक्रमों के लिए बीए और एमए के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूजीसी पांच सदस्यीय समिति की सिफारिशों को फीडबैक के लिए जल्द ही पब्लिक डोमेन में साझा कर सकता है, जिसके बाद आयोग डिग्री नामकरण के नए सेट का नोटिफिकेशन जारी करेगा।

बता दें, मई के आखिरी सप्ताह में हुई यूजीसी की बैठक के वक्त समिति की रिपोर्ट पर चर्चा की गई थी। जिसपर विचार-विमर्श के बाद आयोग ने नए डिग्री नामों को आखिरी रूप देने से पहले प्रतिक्रिया के लिए अपनी सिफारिशों को सार्वजनिक रूप से साझा करने का फैसला किया।

समिति की अन्य सिफारिशें-

  • चार साल के अंडरग्रेजुएट ऑनर्स डिग्री प्रोग्राम में बीए (ऑनर्स), बीकॉम (ऑनर्स), या बीएस (ऑनर्स) जैसे कार्यक्रमों के नामों में ‘ऑनर्स’ जुड़ा होगा। वहीं चार वर्ष के रिसर्च कार्यक्रमों के नाम में भी ऑनर्स जुड़ा रहेगा। जैसे बीए ऑनर्स विद रिसर्च और बीकॉम ऑनर्स विद रिसर्च आदि।
  • समिति ने एमफिल कार्यक्रम को समाप्त करने की सिफारिश भी की है।
  • किसी छात्र के 3.5 वर्षों में चार साल के कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक क्रेडिट अर्जित किए जाने की स्थिती में वह अपनी डिग्री प्राप्त करने के योग्य होना चाहिए।
  • समिति ने स्पष्ट किया है कि नए डिग्री नाम केवल संभावित रूप से लागू होंगे और नई शब्दावली की शुरुआत के बाद भी पुराने डिग्री नामों का इस्तेमाल जारी रहेगा। इसलिए मौजूदा तीन साल का ऑनर्स डिग्री प्रोग्राम चार साल के ऑनर्स डिग्री प्रोग्राम के साथ जारी रहेगा।

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here