Chhath Puja 2021: डूबते हुए सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य, घाटों पर बढ़ी भीड़

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Chaiti Chhath Puja Katha
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Chhath Puja 2021: छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है। आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं आखिरी दिन यानी कि 11 नवंबर को सुबह के समय उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ पूजा में सूर्य देवता का काफी महत्व होता है। सूर्य देव पंचदेवों में से एक हैं। कहा जाता है कि इन्हें अर्घ्य देने से धर्म का लाभ होता है साथ ही सेहत से जुड़ी मुश्किल भी हल होती है।

इस तरह होती है पूजा

आज के दिन महिलाएं और पुरूष नदी किनारे बैठकर छठी मैय्या के गीत का गुणगान करतीं  हैं। उनकी पूजा-अर्चना करती हैं। इस त्यौहार में ढेर सारे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। पूजन सामग्री में शहद की डिब्बी, पान, साबूत सुपारी, कैराव, सिंदूर, कपूर, कुमकुम, चावल, चन्दन, बांस, सूप, दौरा, डलिया, पानी वाला नारियल, गन्ना, शकरकंदी, हल्दी और अदरक का हरा पौधा, नाशपाती, बड़ा नींबू आदि शामिल होते हैं। इनके अलावा घरों में ठेकुवा, खस्ता, पुवा आदि भी तैयार किया जाता है। पूजा-पाठ के बाद प्रसादों को लोगों में बांटा जाता है। माना जाता है कि प्रसाद खाने से सारी मनोकामना पूरी हो जाती है।

सूर्य देवता के इस महात्योहार के पहले सूर्य देवता को संध्याकालीन अर्घ्य दिए जाने का विधान है। अर्घ्य के उपरांत दूसरे दिन ब्रह्ममुहूर्त में अर्घ्य सामग्री के साथ सभी व्रती जल में खड़े होकर भगवान सूर्य के उदय होने की प्रतीक्षा करते हैं। जैसे ही क्षितिज पर अरुणिमा दिखाई देती है, मंत्रों के साथ सूर्यदेव को अर्घ्य समर्पित किया जाता है।

भगवान सूर्य को समर्पित है छठ पूजा

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Chhath Puja

छठ पूजा संतान प्राप्ति, रोगमुक्ति और सुख-सौभाग्य की कामना से किया जाता है। ये कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी छठ, सूर्योपासना का व्रत है। आस्था के नजरिए से यह त्योहार कई मायनों में खास है

धर्मशास्त्रों और पुराणों के अनुसार भगवान की उपासना के लिए प्राय: अलग-अलग दिनों एवं तिथियों का तय किया गया है। इसमें सूर्य नारायण के साथ सप्तमी तिथि की संगति है। यथा सूर्यसप्तमी, रथसप्तमी, अचला सप्तमी इत्यादि।  

इसके साथ ही छठ पर्व भी सूर्य देवता को समर्पित है। इस शुचिता, शुद्धता, आस्था और विश्वास के महापर्व में स्वयं में विनम्रता और सहनशीलता की भावना जागृत किए जाने का भाव प्रमुख है। पारिवारिक उन्नति एवं आत्मिक उन्नति की कामना का उत्तम साधना काल है छठ पर्व।

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