By Election Result: 3 लोकसभा और 29 विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती जारी, बिहार में कांटे की टक्कर

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By Election Result: देश के 13 राज्यों और एक केन्द्र-शासित प्रदेश की तीन लोकसभा और 29 विधानसभा सीटों पर 30 अक्‍टूबर को हुए उपचुनाव के नतीजे मंगलवार को जारी किए जाएंगे। उपचुनाव में ज्यादातर राज्यों में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था। सभी सीटों पर मतों की गणना का कार्य जारी है।

28 सितंबर को चुनाव आयोग (ECI) ने 13 राज्यों और 1 केन्द्र-शासित प्रदेश के संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने की तारीखों की घोषणा की थी। उपचुनाव ( Byelection) में प्रत्याशियों के नाम वापसी के लिए 13 अक्टूबर आखिरी तारीख थी।

इन सीटों पर हो रहा है उपचुनाव

13 राज्‍यों की जिन 29 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के परिणाम आएंगे वे हैं: असम -गोसाईगांव, भवानीपुर, तामूलपुर, मरियानी और थौरा सीट, पश्चिम बंगाल-दिनहाटा, शांतिपुर, खरदाह और गोसाबा सीट, मध्य प्रदेश-जोबत, रायगांव और पृथ्वीपुर, हिमाचल प्रदेश -अर्की, फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई सीट।

इसके अलावा मेघालय -राजबाला, मावरिंगकेंग और मावफलांग सीट, बिहार-तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट, कर्नाटक-हनागल और सिंधी और राजस्थान-वल्लभनगर और धारियावाड़ सीट। इसके अलावा आंध्र प्रदेश- बडवेल सीट, हरियाणा -एलेनाबाद सीट, महाराष्ट्र -देगलूर सीट, मिजोरम-तुरियाल सीट और तेलंगाना की हुजुराबाद सीट।

जिन तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ, उनमें दादर और नगर हवेली, हिमाचल प्रदेश की मंडी और मध्य प्रदेश में खंडवा सीट शामिल हैं।

बिहार में कांटे की टक्कर

बिहार में दोनों ही सीटों पर जदयू और राजद के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। कुशेश्वरस्थान सीट पर सातवें राउंड के बाद जदयू के उम्मीदवार आगे हैं। वहीं तारापुर से राजद के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।

मेघालय में एनपीपी और यूडीपी 1-1 सीट पर आगे

14 राज्यों में विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की मतगणना जारी है | मेघालय में एनपीपी और यूडीपी 1-1 सीट (कुल 2 सीटों) पर आगे, मिजो नेशनल फ्रंट मिजोरम में 1 सीट पर, कांग्रेस राजस्थान में दोनों सीटों पर और भाजपा तेलंगाना में अकेली सीट पर आगे चल रही है।

उपचुनाव नतीजों का देश की राजनीति पर क्या होगा असर?

  1. इन उपचुनावों की खास बात ये है कि 29 विधानसभा सीटों में से अधिकतर सीटें ऐसी हैं जहां सीधे बीजेपी बनाम कांग्रेस का मुकाबला है। इसके अलावा 3 लोकसभा सीटों पर भी यही स्थिति है। अब देखना होगा कि कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ कितनी सीटें जीत पाती है। राष्ट्रीय स्तर पर खुद की मजबूत दावेदारी को साबित करने के लिए कांग्रेस के पास यह एक बड़ा मौका है।
  2. ये उपचुनाव नतीजे इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं कि अगले साल पांच राज्यों पंजाब, यूपी, उत्तराखंड,गोवा और मणिपुर में चुनाव होने हैं। चुनाव नतीजे देश का मूड बता सकते हैं। यह इसलिए क्योंकि हिमाचल प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक और राजस्थान से लेकर मेघालय तक राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर जनता का मूड क्या है इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
  3. कई सीटें ऐसी हैं जहां विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। अगर चुनाव नतीजों में विपक्षी एकता कामयाब नजर आती है तो आने वाले समय में विपक्ष के बीच भी नया समीकरण तैयार हो सकेगा। मसलन लालू यादव, ममता बनर्जी और शरद पवार की आगे की रणनीति इन चुनावों पर निर्भर करेगी।
  4. खास बात ये है कि कई राज्य ऐसे हैं जहां विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टी के बीच कम सीटों का अंतर है। इन उपचुनाव के बहाने सरकार के पक्ष-विपक्ष में हवा को भांपा जा सकता है। खासकर बिहार में जहां मध्यावधि चुनाव की अटकलें हैं। इसके अलावा कई राज्यों में सत्तारूढ़ पार्टी के पास जैसे-तैसे बहुमत का आंकड़ा है इसलिए भी यह चुनाव अहम हैं।
  5. असम और पश्चिम बंगाल में इसी साल चुनाव हुए थे। ये चुनाव बताएंगे कि क्या इन दो राज्यों में क्रमश: बीजेपी और टीएमसी के पक्ष में अभी भी माहौल है या नहीं। इसके अलावा हरियाणा की ऐलानाबाद सीट पर कृषि कानूनों को लेकर जनता का मूड भांपा जाएगा क्योंकि राज्य के किसान कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत हैं। इस तरह महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम को देखा जाए तो यहां भी एक सीट पर चुनाव बीजेपी बनाम महाविकास आघाड़ी का मुकाबला देखने लायक होगा।

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