Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की डिजिटल करेंसी का पहले महीने में ही बाजार ने शानदार स्वागत किया। RBI ने 1 दिसंबर को डिजिटल मुद्रा को पायलट परीक्षण के रूप में लॉन्च किया था। पहले दिन में 1.71 करोड़ के लेनदेन के साथ इसकी शुरुआत अच्छी रही। सेंट्रल बैंक के ट्रायल ऑफ डिजिटल करेंसी (CBDC) पायलट प्रोजेक्ट के तहत, बैंकों को रिटेल में सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन करने की अनुमति दी गई है।
Digital Rupee: अभी सिर्फ 4 बैंकों के पास है ये ‘करेंसी’
इस पायलट प्रोजेक्ट में 4 बैंक शामिल हैं। इस पायलट ट्रायल में चार बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक देशभर के चार शहरों में शुरू किया गया है। बयान में कहा गया है कि चार अन्य बैंक – बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक बाद में इस पायलट में शामिल होंगे।
डिजिटल रुपया क्या है?
डिजिटल रुपया, (e₹) सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप में भी जाना जाता है। यह केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए करेंसी नोटों का एक डिजिटल रूप है। यह उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा जो वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं। यह बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। यह बैंक नोट से अलग नहीं होगा।
यह कैसे काम करता है?
आरबीआई ने कहा कि यूजर्स भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-रुपये के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे। वे वॉलेट में ई-रुपया बैलेंस की जांच कर सकते हैं। लेन-देन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों हो सकते हैं। इससे क्यूआर कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है।”
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल का इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकते हैं। यह पहले चुनिंदा जगहों और बैंकों में शुरू होगा। रिटेल प्रोजेक्ट में हर आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा। फिर उनके अनुभवों के आधार पर जरूरत पड़ने पर सुविधाओं में बदलाव किया जाएगा।
ई-रुपये का उपयोग कहां कर सकते हैं?
आरबीआई के मुताबिक, सरकारी बॉन्ड की खरीद-बिक्री पर सेटलमेंट राशि के तौर पर डिजिटल रुपये का इस्तेमाल किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि जल्द ही इसका इस्तेमाल खुदरा लेनदेन के लिए भी किया जाएगा।
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