Share Market Crash: सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार यानी 23 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुला। आज लगातार दूसरा दिन है, जब स्टॉक मार्केट में गिरावट देखने को मिली। शुक्रवार को शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली हुई और सभी बेंचमार्क सूचकांक टूट गए। आज सेंसेक्स 1,020.80 अंक टूटकर 58,098.92 पर बंद हुआ। निफ्टी टैंक 302.45 अंक 17,327.35 पर बंद हुआ।
वहीं, आज सबसे बिजली, बैंकों, आईटी सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। सभी सेक्टोरल इंडेक्स कैपिटल गुड्स, पावर, रियल्टी, बैंक में 2-3 फीसदी की गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए। आज लगभग 959 शेयरों में तेजी आई, 2417 शेयरों में गिरावट आई और 106 शेयरों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला।
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 2-2 फीसदी की गिरावट आई। पावर ग्रिड कॉरपोरेशन, अपोलो हॉस्पिटल्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, अडानी पोर्ट्स और एसबीआई निफ्टी पर टॉप लूजर्स में शामिल थे। जबकि डिविस लैबोरेटरीज, सन फार्मा, टाटा स्टील, सिप्ला और आईटीसी के शेयरों में उछाल आया।
Share Market Crash: रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर रुपया
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 25 पैसे गिरकर 81.04 (अनंतिम) के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। बताते चलें कि भारतीय बाजारों ने मुख्य रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर कठोर होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। इससे निवेशकों के बीच निराशा का माहौल रहा। मंदी की आशंका कुछ समय के लिए आईटी, धातु और फार्मा जैसे वैश्विक स्तर पर जुड़े क्षेत्रों को दबाव में रख सकती है। खपत और कच्चे तेल के इनपुट वाले क्षेत्रों जैसे एफएमसीजी, पेंट्स, टायर, ऑटो को मजबूत घरेलू मांग और कमोडिटी में गिरावट से लाभ होने की संभावना है।
Share Market Crash: दुनिया के बाजारों में भारी गिरावट
एशिया में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजार निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे। दरअसल, बीते गुरुवार को भी अमेरिकी बाजार नकारात्मक दायरे में बंद हुए। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.50 फीसदी की गिरावट के साथ 90.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बीएसई के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को शुद्ध रूप से 2,509.55 करोड़ रुपये के शेयर उतारे।
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