“भारत में मंदी का सवाल ही नहीं…”, अर्थव्यवस्था पर खुलकर बोलीं वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman

विश्व बैंक और आईएमएफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस तथ्य को भी ध्यान में रख रही हैं कि जो अर्थव्यवस्थाएं भारत से कहीं अधिक विकसित हैं वे मंदी के कगार पर हैं।

0
259
Nirmala Sitharaman
Nirmala Sitharaman

Nirmala Sitharaman: कभी ब्रिटेन का गुलाम था भारत, लेकिन अब उसे अर्थव्यवस्था मामले में पटखनी देते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अब अर्थव्यवस्था को लेकर देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बयान दिया है। उन्होंने इस वित्तीय वर्ष में GDP में दो अंकों की वृद्धि की उम्मीद करते हुए कहा कि भारत दूसरे देशों की तुलना में एक मजबूत स्थिति में है। देश में मंदी आने का कोई चांस नहीं है।

Nirmala Sitharaman
Nirmala Sitharaman

GDP में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि- Nirmala Sitharaman

निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं GDP में डबल डिजिट में बृद्धि की आशा करती हूं। हम इसके लिए काम करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दो अंकों की वृद्धि की उम्मीद है, तो उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा जारी हालिया आंकड़ों से संकेत मिलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश ने सकल घरेलू उत्पाद में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। एक साल पहले यह 20.1 फीसदी था।

सीतारमण ने आगे कहा कि कुछ लोग तर्क दे सकते हैं कि उच्च विकास दर कम आधार के कारण है। उन्होंने कहा, “हम जिन अर्थव्यवस्थाओं के बारे में बात कर रहे हैं, उनकी तुलना में हम अच्छी स्थिति में हैं। हम सचमुच सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं।”

Nirmala Sitharaman: भारत से अधिक विकसित अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर

विश्व बैंक और आईएमएफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस तथ्य को भी ध्यान में रख रही हैं कि जो अर्थव्यवस्थाएं भारत से कहीं अधिक विकसित हैं वे मंदी के कगार पर हैं। मुफ्त उपहार के बारे में एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बहस में सभी को भाग लेना चाहिए। सीतारमण ने कहा, “हमें चर्चा में एक पक्ष बनना चाहिए। क्योंकि अगर आप कुछ मुफ्त में दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि कोई इसके लिए भुगतान कर रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि सत्ता में आने के बाद किसी भी सरकार को कर राजस्व और अन्य के संदर्भ में अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करना चाहिए और मुफ्त में देने से पहले प्रावधान करना चाहिए।

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here