मां कालरात्रि को इस तरह करें खुश

आज नवरात्रि का सातवां दिन है.

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है.

कहा जाता है कि कालरात्रि की उपासना करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुलने लगते हैं.

और तमाम असुरी शक्तियां उनके नाम के उच्चारण से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं.

इनका रूप भयानक है, सिर के बाल बिखरे हुए हैं और गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है.

इस देवी के तीन नेत्र हैं.

इनकी सांसों से अग्नि निकलती है.

कहते हैं भूत-प्रेत से छुटकारा पाना है तो कालरात्रि की उपासना करनी चाहिए.

मां कालरात्रि पूजन विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े धारण करें.

इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें.

फिर विधि-विधान से मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माता कालरात्रि की पूजा करें.

मां की अराधना उं देवी वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी नम: का जप करके की जाती है.

मंत्र

मंत्र- एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

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